चीन से भाग रही कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत की बड़ी तैयारी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस संकट के बीच चीन से बाहर निकल रही कंपनियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए भारत एक लैंड पूल यानि जमीन इकट्ठा कर रहा है।
'ब्लूमबर्ग' की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में इस मकसद के लिए लगभग 461,589 हेक्टेयर (4615.89 वर्ग किलोमीटर) जमीन की पहचान कर ली गई है, जोकि देश की राजधानी दिल्ली के क्षेत्रफल के तीन गुना से अधिक है।
बता दें कि भारत आने वाली कंपनियों के लिए जमीन एक बड़ी समस्या रही है।
मौजूदा नियम
विदेशी कंपनियों को खुद करना पड़ता है जमीन का अधिग्रहण
मौजूदा नियमों के अनुसार, भारत में फैक्ट्री लगाने की इच्छुक कंपनियों को खुद से जमीन का अधिग्रहण करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में उन्हें छोटे-छोटे किसानों से बातचीत करनी पड़ी है जिसके कारण पूरी प्रक्रिया में देरी होती है।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के साथ मिलकर इस स्थिति को बदलने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि कोरोना वायरस संकट के बीच चीन से भाग रही कंपनियों को भारत की तरफ आकर्षित किया जा सके।
लैंड पूल
विदेशियों कंपनियों के लिए खुद लैंड पूल तैयार कर रही सरकार
इन विदेशी कंपनियों को जमीन अधिग्रहण में आने वाले व्यवधानों से बचाने के लिए सरकार खुद एक लैंड पूल तैयार कर रही है जिसमें से इन कंपनियों को जमीन दी जाएगी।
मामले से संबंधित अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित 'ब्लूमबर्ग' की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जिस 461,589 हेक्टेयर जमीन की पहचान की गई है उसमें से 115,131 हेक्टेयर गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पहले से निर्धारित औद्योगिक जमीन है।
बढ़ावा
मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 10 क्षेत्रों को चयन
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने 10 क्षेत्रों का चयन किया है जिनमें मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इनमें इलेक्ट्रिकल, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स, भारी इंजीनियरिंग, सौर उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण, रसायन और वस्त्र संबंधी क्षेत्र शामिल हैं।
इसके अलावा विदेशों में भारतीय दूतावासों को भी ऐसी कंपनियों की पहचान करने को कहा है जो निवेश करने के विकल्प ढूढ़ रहे हैं। जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और चीन की कुछ कंपनियों ने 'इंवेस्ट इंडिया' एजेंसी से संपर्क भी साधा है।
राज्य
अपने स्तर पर विदेशी निवेश आकर्षित कर रहे राज्य
केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर भी विदेशी निवेश आकर्षित करने को कहा है और राज्य इसकी कोशिश में लगे हुए हैं। 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के साथ बैठक करते हुए निवेशकों को आकर्षित करने के कदमों में तेजी लाने पर विचार विमर्श किया था।
आंध्र प्रदेश और जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की कई कंपनियों के बीच संपर्क भी हुआ है और पहले से मंजूर किए गए औद्योगिक पार्कों का फायदा उठाना चाहता है।
असर
विदेश निवेश से होगा मंदी से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का मौजूदा संकट शुरू होने से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी से जूझ रही थी और मौजूदा संकट ने इसे और बढ़ा दिया है।
इस बीच चीन से बाहर निकल रही कंपनियों को भारत के लिए एक शानदार मौके के तौर पर देखा जा रहा है और वह इसका पूरा फायदा उठाना चाहता है।
अगर भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने में कामयाब रहता है तो ये उसकी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक सकता है।