ट्रंप ने WHO पर लगाया चीन के प्रति झुकाव का आरोप, फंडिग रोकने की दी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आलोचना की है। ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ लड़ाई में WHO ने समय रहते हुए सही कदम नहीं उठाए, जिसके कारण आज अमेरिका में हालात बिगड़ रहे हैं। उन्होंने WHO पर चीन के प्रति झुकाव रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका उसे अपने हिस्से की फंडिंग नहीं देगा। आइये, जानते हैं कि ट्रंप WHO को लेकर इतने गुस्से में क्यों हैं।
अमेरिका में हालात खराब, ट्रंप की हो रही आलोचना
अमेरिका कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां पिछले कुछ सप्ताह से संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है और रोजाना सैंकड़ों लोगों की मौत हो रही है। अभी तक इस महामारी के कारण पूरे अमेरिका में लगभग 13,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। न्यूयॉर्क महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। संक्रमण को रोक न पाने के कारण ट्रंप की आलोचना हो रही है।
WHO ने हर बार गलत जानकारी दी- ट्रंप
मंगलवार को कोरोना वायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने कहा, "WHO कई चीजों को लेकर गलत रहा है। उनके पास पहले से काफी सूचनाएं मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दो। वो चीन-केंद्रित दिख रहा है।" WHO पर तेजी से कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा, "उन्होंने गलत जानकारी दी। उन्होंने इसे लेकर गलत तथ्य पेश किए। वो महीनों पहले इसकी जानकारी दे सकते थे।"
ट्रंप ने दी फंडिंग रोकने की धमकी
ट्रंप ने WHO की फंडिंग रोकने की धमकी देते हुए कहा, "हम फंडिंग पर रोक लगाने जा रहे हैं। हम इस बारे में सोचेंगे। अगर यह काम करेगी तो अच्छी बात है। वो गलत जानकारी दे रहे हैं। यह बिल्कुल ठीक नहीं है।"
धमकी देने के बाद अपनी बात से पीछे हटे ट्रंप
हालांकि, जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या महामारी के समय में WHO की फंडिंग रोकना सही कदम होगा तो वो अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा, "मैं नहीं कह रहा कि मैं ऐसा करुंगा, लेकिन हम इस बारे में विचार करेंगे।" इसके बाद एक पत्रकार ने उन्हें फंडिंग रोकने से जुड़ा बयान याद दिलाते हुए पूछा तो ट्रंप ने कहा, "मैं ऐसा नहीं करुंगा। हम फंडिंग खत्म करने के बारे में सोचेंगे।"
ट्रंप ने कहा- WHO की ढिलाई की जांच करेंगे
ट्रंप ने कहा, "हम इसकी जांच करेंगे। साथ ही हम फंडिंग रोकने पर भी विचार करेंगे क्योंकि आपको पता है कि उन्होंने गलत किया है। अगर आप कई पिछले कई सालों से देखें तो हर चीज चीन के प्रति झुकाव वाली दिखती है।"
ट्रंप और WHO के इन कदमों पर विवाद
भले ही ट्रंप WHO को बलि का बकरा बना रहे हैं, लेकिन उनके भी सारे कदमों को सही नहीं ठहराया जा सकता। WHO ने जनवरी महीने में ही COVID-19 को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था। इसके एक महीने बाद तक ट्रंप कहते रहे कि कोरोना वायरस अमेरिका में पूरी तरह नियंत्रण में है। वहीं WHO ने भी समय रहते कदम उठाने में ढिलाई बरती। उसने दिसंबर में शुरू हुए COVID-19 को मार्च में आकर महामारी घोषित किया था।