कोरोना वायरस से जुड़े ऐसे सवाल, जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है
इन दिनों पूरी दुनिया किसी एक चुनौती से जूझ रही है तो उसका नाम कोरोना वायरस (COVID-19) है। दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में 6 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं और 30,00 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वैज्ञानिक इस खतरनाक वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हैं, लेकिन महीनों की मेहनत के बावजूद अभी तक कई ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में हम और आप नहीं जानते।
अभी तक कितने लोग इससे संक्रमित हैं?
दुनियाभर में अभी तक लाखों लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन असल में यह संख्या कितनी है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। कई ऐसे भी लोग हैं, जो इस वायरस से संक्रमित हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं देखे जा रहे। इस कारण उनका टेस्ट नहीं हो रहा है। एक यह भी वजह है कि इस महामारी से संक्रमित कुल लोगों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
यह वायरस कितना खतरनाक है?
अभी तक इससे संक्रमित लोगों की असल संख्या सामने नहीं आई है इसलिए मृत्यु दर का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। अभी यह माना जा रहा है कि इस महामारी से संक्रमित एक प्रतिशत लोगों की मौत होती है।
इसके लक्षण क्या-क्या हैं?
बुखार और सूखी खांसी इस महामारी के मुख्य लक्षण हैं। कुछ मामलों में लोगों को गले में खराश, सिरदर्द, स्वाद और गंध को महसूस न कर पाने जैसे लक्षण भी देखे गए हैं। कई कोरोना वायरस संक्रमित लोगों में सामान्य सर्दी, नाक बहने और छींक आने जैसै लक्षण भी थे। वहीं ऐसी भी रिपोर्ट्स आई हैं, जिसमें कोरोना संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं देखा गया और उसे यह भी नहीं पता होता कि वह इससे संक्रमित है।
क्या बच्चे यह वायरस फैला सकते हैं?
बच्चे भी इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं। हालांकि, अधिकतर बच्चों में इसके हलके लक्षण देखे गए हैं। बुजुर्गों के मुकाबले बच्चे इस वायरस से कम संक्रमित होते हैं। आमतौर पर खेलते समय ज्यादा लोगों से मिलने-जुलने के कारण बच्चे किसी भी बीमारी के प्रसार का कारण बन सकते हैं, लेकिन इस वायरस के मामले में यह साफ नहीं है कि बच्चे किस स्तर तक यह महामारी फैला सकते हैं।
यह वायरस कहां से आया?
इसका पहला मामला पिछले साल के अंत में चीन के वुहान शहर से सामने आया था। आधिकारिक तौर पर Sars-CoV-2 नाम से जाना जाने वाला यह वायरस चमगादड़ों को संक्रमित करता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह चमगादड़ से मनुष्य में आया या किसी और पक्षी के जरिये इस वायरस ने इंसानी शरीर में प्रवेश किया। यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है और हो सकता है कि आने वाले समय में संक्रमण और ज्यादा बढ़े।
क्या गर्मी आने से इसका संक्रमण कम होगा?
सर्दियों के मुकाबले गर्मी में कम लोग सर्दी-जुकाम से पीड़ित होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के मामले में अभी तक यह पता नहीं चला है कि इसके संक्रमण पर गरम मौसम का असर होता है या नहीं। इंग्लैंड सरकार की साइंटिफिक एडवायजरी में भी यह कहा गया है कि इसके संक्रमण पर मौसम के असर का पता नहीं है। अगर गर्मियों में इसके मामले कम भी हुए तो सर्दियां आने पर फिर से इसका संक्रमण बढ़ने का खतरा रहेगा।
कुछ लोगों में इसके लक्षण गंभीर क्यों होते हैं?
इस वायरस से लड़ने की ताकत इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता और कुछ अनुवांशिक गुणों पर निर्भर करती है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति ठीक हो जाता है तो इसका मतलब है कि उसने रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस वायरस के प्रति विकसित कर लिया है।