
जम्मू-कश्मीर: 3 नागरिकों की मौत के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी समेत क्या-क्या हुआ है?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में 21 दिसंबर को हुए आतंकवादी हमले बाद हुई 3 नागरिकों की मौत की जांच में सेना के एक ब्रिगेड कमांडर को शामिल होने के लिए कहा गया है। सेना ने आरोपी जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है।
बता दें कि मृतक नागरिक आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए हिरासत में लिए कुल 8 लोगों में से एक थे। सेना ने कहा था कि निर्दोष नागरिकों के खिलाफ हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
मामला
क्या है 3 नागरिकों की मौत का मामला?
21 दिसंबर को सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने 22 दिसंबर को पूंछ जिले के टोपा पीर गांव करीब 8 नागरिकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
इनमें से 3 नागरिक मोहम्मद सफीर, शब्बीर अहमद और शौकत हुसैन मृत उसी जगह संदिग्ध परिस्थिति में मृत पाए गए, जहां सेना पर आतंकी हमला हुआ था।
इसका एक कथित वीडियो वायरल हुआ जिसमें सैनिकों को नागरिकों को पीटते और प्रताड़ित करते हुए दिखाया गया था।
आरोप
इस मामले में अब तक क्या हुई कार्रवाई?
समाचार एजेंसी ANI को सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद राजौरी के थन्नामंडी इलाके में स्थित राष्ट्रीय राइफल्स के 13 सेक्टर के कमांडर ब्रिगेडियर पी आचार्य को हटा दिया है।
इसके अलावा 48 राष्ट्रीय राइफल्स के 3 जवानों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसमें एक कर्नल और एक लेफ्टिनेंट कर्नल स्तर के अधिकारी हैं।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना ने 3 नागरिकों की मौत से संबंधित औपचारिक जांच में आचार्य को शामिल किया है।
जानकारी
आतंकवादी हमलों में सेना की क्षति पर होगा गौर
इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि जांच में हाल के दिनों में अधिकारी की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में अपने सैनिकों की बार-बार होने वाली क्षति पर भी गौर किया जाएगा।
मामला
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामला किया दर्ज
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में आरोपी सैनिकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने सैनिकों के खिलाफ IPC की धारा 302 का मामला दर्ज किया है।
इस मामले में परिजन का आरोप है कि इन लोगों ने पिटाई के दौरान लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया।
इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीनों मृतकों के परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
COI
आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (COI) शुरू
आज सेना प्रमुख के दौरे से पहले ही सेना ने आरोपी सैनिकों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (COI) शुरू कर दी थी।
बता दें कि COI का उद्देश्य किसी घटना की विस्तार से जांच करना है, जिसे कमांडिंग अफसर या कमांड में आला अफसर ही आदेशित कर सकता है।
इसके लिए किसी एक अफसर की अगुवाई में अफसरों की एक सभा बनाई जाती है। इसमें नियमों के तहत ही इंक्वायरी की जा सकती है।
दौरा
मामले को शांत करने के लिए सेना प्रमुख ने किया दौरा
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आज घटनास्थल का दौरा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (SDGPI) ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसमें कहा गया, 'सेना प्रमुख को मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने जमीन पर कमांडरों के साथ बातचीत की और उन्हें सबसे पेशेवर तरीके से ऑपरेशन चलाने और सभी चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ और स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित किया।'
हमला
गुरुवार को आतंकियों ने सेना के वाहन पर किया था हमला
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में 21 दिसंबर को आतंकियों ने 2 सैन्य वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए और 2 घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
इस हमले के बाद सेना आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इस ली है।
PDP
मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इस घटना के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का दावा है कि महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है।
मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, 'घात लगाकर किए हमले में 5 जवान मारे गए, 3 मासूम नागरिकों को सेना की हिरासत में मार दिया गया, कई अस्पताल में मौत से जूझ रहे, अब एक रिटायर्ड SP को मार दिया गया। भारत सरकार जिस सामान्य स्थिति का दिखावा करती है, उसको बनाए रखने के लिए निर्दोष लोग नुकसान उठा रहे हैं।'