जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, ढेर किए 5 आतंकी
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके मच्छल सेक्टर में आज सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में 5 आतंकियों को ढेर कर दिया। ये सभी आतंकी नियंत्रण रेखा (LoC) से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना मिलने के बाद इस इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान इलाके में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों के पहुंचते ही उन पर गोलीबारी शुरू कर दी और उनकी जवाबी कार्रवाई में आतंकी मारे गए।
मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के
पुलिस के अनुसार, मारे गए सारे आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हैं। पुलिस ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि आतंकियों का एक दल कुपवाडा नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने की फिराक में है। इसी जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इससे पहले रविवार को उरी सेक्टर में भी LoC पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया था और 2 आतंकियों को मार गिराया गया था।
घाटी में सुरक्षा को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक
घाटी में सर्दी का मौसम आते ही घुसपैठ की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में 25 अक्टूबर को श्रीनगर स्थित 15 कोर के मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने इजरायल-हमास युद्ध को देखते हुए घाटी में सुरक्षा की रणनीति बनाने का निर्णय लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया कि स्थानीय भर्तियां कम होने के कारण विदेशी आतंकवादियों की संख्या फिर से बढ़ गई है।
कश्मीर में कम हुईं आतंकी संगठन में भर्तियां
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने 21 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान जानकारी दी थी कि इस साल केवल 10 कश्मीरी युवा ही आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं, जबकि यह आंकड़ा पिछले साल 110 था। उन्होंने बताया था कि इन 10 में से भी 6 को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अपनी आखिरी सांस ले रहा है और यहां के युवा मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वाले संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा सबसे प्रमुख है। इसकी शुरुआत अफगानिस्तान के कुन्नार प्रांत में 1987 में हुई थी। इसे हाफिज सईद, अब्दुल्ला आजम और जफर इकबाल समेत कई लोगों ने शुरू किया था। अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन की ओर से भी इसे फंडिंग मिलती थी और भारत में हुए कई आतंकी हमलों में इस संगठन का नाम आया है। भारत और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।