भारतीय सेना ने किया चीनी आरोपों को खारिज, कहा- हमने नहीं, चीन ने की थी फायरिंग
चीन के आरोपों को खारिज करते हुए भारतीय सेना ने कहा है कि उसके जवानों ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार नहीं की और न ही किसी तरह की फायरिंग की। सेना ने चीन पर ही भारतीय जवानों को घेरने की कोशिश करने और उन्हें डराने के लिए हवाई फायरिंग करने का आरोप लगाया है। सेना ने अपने बयान में कहा है कि वह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए संकल्पित है।
चीनी सेना ने भारतीय सेना पर लगाया था LAC पार कर फायरिंग करने का आरोप
सोमवार देर रात चीनी सेना ने बयान जारी करते हुए भारतीय सेना पर अवैध तरीके से LAC पार करने और पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे और शेनपाओ पर्वत के इलाके में घुसने का आरोप लगाया था। अपने बयान में चीन ने कहा था, "ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने वहां पहुंचे चीनी बॉर्डर गार्ड्स के गश्ती जवानों पर खुलेआम गोलियां चलाईं, जिसके बाद चीनी बॉर्डर गार्ड्स ने जमीनी स्थिति को स्थिर करने के लिए जबावी कार्रवाई की।"
भारतीय सेना का जबाव- तनाव बढ़ाने के लिए चीन कर रहा भड़काऊ गतिविधियां
चीन के इन आरोपों पर आज बयान जारी करते हुए भारतीय सेना ने कहा, "जहां भारत LAC पर सेनाएं पीछे हटाने और तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं चीन तनाव बढ़ाने के लिए लगातार भड़काऊ गतिविधियां कर रहा है। भारत ने कभी भी LAC पार नहीं की है और न ही फायरिंग समेत किसी आक्रामक माध्यम का प्रयोग किया है। चीनी सेना खुलेआम समझौतों का उल्लंघन कर रही है और आक्रामक गतिविधियों को अंजाम दे रही है।"
चीनी सेना ने की हमारी अग्रिम चौकी को घरने की कोशिश- सेना
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया है, "7 सितंबर, 2020 के मामले में ये चीनी सेना थी जिसने LAC पर हमारी एक अग्रिम चौकी को घेरने की कोशिश की और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें भगाया तो उन्होंने हमारे जवानों को डराने के लिए हवा में कुछ गोलियां चलाईं। हालांकि गंभीर उकसावे के बावजूद हमारे सैनिकों ने बहुत संयम दिखाया और परिपक्व और जिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार किया।"
चीनी सेना का बयान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जनता को गुमराह करने की कोशिश- सेना
सेना ने कहा है, "भारतीय सेना शांति बनाने रखने के लिए प्रतिबद्ध है, हालांकि किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता की रक्षा करने को भी संकल्पित है। वेस्टर्न थिएटर कमांड का बयान अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जनता को गुमराह करने की कोशिश है।"
31 अगस्त को भी चीनी सैनिकों ने की थी भारतीय जवानों को घेरने की कोशिश
बता दें कि 29-30 अगस्त को भारतीय सेना के पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीन की घुसपैठ की कोशिश नाकाम करने और इलाके की चोटियों पर कब्जा करने के बाद ये दूसरी बार है जब चीन ने भारतीय जवानों को घेरने की कोशिश की है। इससे पहले 31 अगस्त को भी चीनी सैनिकों ने चोटियों पर फिर से कब्जा करने की मंशा से भारतीय जवानों को घेरने की कोशिश की थी, हालांकि उनकी ये कोशिश नाकाम रही थी।
दोनों देशों ने एक-दूसरे की रेंज में तैनात किए हुए हैं टैंक
बता दें कि चीन ने इलाके में अपने टैंक भी तैनात कर दिए हैं और इसके जबाव में भारत ने भी टैंक तैनात किए हैं। दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में हैं और स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।
जयशंकर बोले- LAC पर स्थिति बेहद गंभीर, राजनीतिक स्तर पर गहन बातचीत की जरूरत
इस तनाव के बीच भारत लगातार बातचीत के जरिए समाधान पर जोर दे रहा है और सोमवार को भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के बीच राजनीति स्तर पर गहन वार्ता की जरूरत बताई। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "पूर्व लद्दाख में स्थिति बेहद गंभीर है और दोनों पक्षों को राजनीतिक स्तर पर बहुत गहन बातचीत करने की जरूरत है।" उन्होंने ये भी कहा कि सीमा की स्थिति को संबंधों की स्थिति से अलग नहीं किया जा सकता।
10 सितंबर को चीनी विदेश मंत्री से मिलेंगे जयशंकर
बता दें कि LAC पर बने गतिरोध का समाधान ढूढ़ने के लिए जयशंकर 10 सितंबर को रूस की राजधानी मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री वेंग यी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री भी मॉस्को में एक-दूसरे से मुलाकात कर चुके हैं।