कोरोना वायरस: भारत में दो प्रतिशत से 44 प्रतिशत हुई कम भरोसेमंद एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी
पिछले दो महीने में भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग में एक बड़ा बदलाव आया है और देश में कम भरोसेमंद एंटीजन टेस्ट का प्रयोग अचानक से बहुत बढ़ गया है। 'NDTV' की रिपोर्ट के अनुसार, यहां दो महीने पहले देश में जो टेस्ट किए जा रहे थे, उनमें एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी मात्र दो प्रतिशत थी, वहीं अब ये बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई है। बता दें कि एंटीजन टेस्ट गलत नेगेटिव दिखा देते हैं।
भारत में हो रहा RT-PCR और एंटीजन टेस्ट का प्रयोग
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए मुख्य तौर पर दो टेस्टों- एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट- का प्रयोग किया जा रहा है। इन दोनों ही टेस्ट में नाक या गले से सैंपल लिया जाता है, लेकिन जहां RT-PCR टेस्ट में सैंपल में कोरोना वायरस के जेनेटिक मेटेरियल की उपस्थिति की जांच की जाती है, वहीं एंटीजन टेस्ट में कोरोना वायरस के ऊपर या अंदर मौजूद रहने वाली प्रोटीन की उपस्थिति की जांच की जाती है।
RT-PCR टेस्ट के मुकाबले कम भरोसेमंद है एंटीजन टेस्ट
RT-PCR टेस्ट एंटीजन टेस्ट के मुकाबले अधिक सटीक होता है और इसी कारण इसे कोरोना वायरस का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है। वहीं एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता 50.6 प्रतिशत से लेकर 84 प्रतिशत के बीच में है, यानि अगर इसका नतीजा नेगेटिव आता है तो इसके सही होने की संभावना 50.6 प्रतिशत से 84 प्रतिशत होती है। इसके विपरीत पॉजिटिव नतीजे 99.3 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक सटीक होते हैं।
इसलिए एंटीजन टेस्ट्स पर जोर दे रहे हैं राज्य
गलत नेगेटिव दिखाने के कारण एंटीजन टेस्ट किसी भी शहर या राज्य के कोरोना वायरस ग्राफ की पूरी तस्वीर बदल सकते हैं। चूंकि एंटीजन टेस्ट करने पर कुछ पॉजिटिव छूट जाते हैं, इसी कारण जिन राज्यों में अधिक एंटीजन टेस्ट किए जाते हैं वहां आधिकारिक मामलों की संख्या में कमी आने लगती है। अधिक टेस्ट के कारण टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी कम होने लगती है। इन्हीं दो फायदों के कारण राज्यों ने एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ा दी है।
हालिया समय में RT-PCR टेस्ट की हिस्सेदारी में आई कमी
राज्यों की रणनीति में इस बदलाव का असर राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों पर देखने को मिला है और एंटीजन टेस्ट की संख्या दो प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई है। इस बीच RT-PCR टेस्ट की प्रतिशत में गिरावट आई है और इनकी हिस्सेदारी 98 प्रतिशत से घटकर 56 प्रतिशत रह गई है। वहीं देश की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में भी गिरावट देखने को मिली है और अभी ये सात से नौ प्रतिशत के बीच बनी हुई है।
भारत में अब तक 37.69 लाख हो चुके हैं संक्रमित
बता दें कि भारत में अब तक 37.69 लाख लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं वहीं 66,333 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है।