कोरोना वायरस: प्रतिदिन 10 लाख टेस्ट की संख्या पर पहुंचा भारत, जानिए कहां कैसी है स्थिति
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग में बेहद अहम मानी जाने वाली टेस्टिंग के क्षेत्र में भारत की स्थिति में सुधार हो रहा है।
देश में शुक्रवार को पहली बार एक दिन में 10 लाख से आगे बढ़ते हुए 10,23,836 सैंपलों की जांच की गई है।
इससे देश में टेस्टों की संख्या 3,44,91,073 पर पहुंच गई है। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही सरकार ने टेस्ट की संख्या को और बढ़ाने का निर्णय किया है।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 30 लाख के करीब पहुंच गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन देशभर में 69,878 नए मरीज मिले और 945 लोगों की इस खतरनाक वायरस के कारण मौत हुई।
इसी के साथ देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 29,75,701 हो गए हैं। इनमें से 6,97,330 सक्रिय मामले हैं, 22,22,577 लोग महामारी को हराकर ठीक हो चुके हैं और 55,794 लोगों की मौत हुई है।
बढ़ोतरी
प्रतिदिन 10 लाख टेस्ट पर इस तरह पहुंचा भारत
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद बड़ी तेजी से टेस्टिंग संख्या में इजाफा हुआ है।
अप्रैल में जहां देश में प्रतिदिन 25,000-50,000 हजार टेस्ट किए जा रहे थे, वहीं मई में यह संख्या 50,000 से एक लाख के बीच पहुंच गई थी।
जून में यह संख्या एक से दो लाख के बीच थी, जो जुलाई में बढ़कर चार से पांच लाख पर पहुंच गई। इसके बाद अगस्त में यह संख्या पांच लाख से बढ़कर 10 लाख पर पहुंच गई है।
जानकारी
देश में 1,511 लैब्स में किए जा की जा रही है जांच
ICMR के अनुसार वर्तमान में देश में 1,511 लैब्स पर कोरोना वायरस की जांच की जा रही है। इनमें 983 सरकारी और 528 निजी हैं। इनमें 778 लैब्स पर RT-PCR, 615 पर ट्रूनैट और 118 पर CBNAAT पद्धति से जांच की जा रही है।
राज्य
इन राज्यों में हुए सबसे ज्यादा और सबसे कम टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश राज्यों ने जांच क्षमता में अपेक्षित बढ़ोत्तरी की है। इसके कारण देश में प्रतिदिन जांच का औसत बढ़ गया है।
उत्तर प्रदेश में में अब तक 38,72,640, तमिलनाडु (37,78,778), महाराष्ट्र (32,08,735), आंध्र प्रदेश (29,05,521), कर्नाटक (20,75,086) और राजस्थान में 19,28,566 जांच की गई है।
इसी तरह लद्दाख में सबसे कम 24,702, मिजोरम (27,115), सिक्किम (34,813), मेघायल (42,706), नागालैंड (51,483) और मणिपुर में 1,15,041 जांच की गई है।
कारण
देश में बढ़ रही एंटीजन आधारित टेस्टिंग
टेस्टिंग की गति बढ़ाने के लिए भारत में सस्ते और तेज नतीजे देने वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है। ये महज 15-20 मिनट में रिपोर्ट दे देते हैं, लेकिन इनकी विश्वनीयता को लेकर संदेह रहता है।
कई मामलों में इनकी सटीकता 50 प्रतिशत से भी कम होती है। इन्हें मुख्य तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बने हॉटस्पॉट और स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच आदि के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
टेस्टिंग
कौन सा टेस्ट सबसे भरोसेमंद?
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में टेस्टिंग को एक महत्वपूर्ण हथियार माना जाता है, लेकिन टेस्ट के प्रकार को लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं।
कोरोना वायरस की जांच के लिए RT-PCR टेस्ट को सबसे भरोसेमंद माना जाता है।
यह स्वाब सैंपल से जेनेटिक मैटेरियल को आइसोलेट कर लेता है, लेकिन यह काफी महंगा पड़ता है और इससे रिपोर्ट आने में भी घंटों का समय लगता है। कई जगहों पर नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है।
सबसे ज्यादा
चीन में हुई सबसे अधिक जांच
दुनिया में सबसे ज्यादा जांच चीन में 9.04 करोड़ लोगों की हुई है। इनमें 84,895 लोगों के संक्रमण की पुष्टि हुई।
अमेरिका में 7.31 करोड़ जांचों पर 57.01 लाख लोग, रूस में 3.35 करोड़ जांच पर 9.42 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं।
इसी तरह ब्रिटेन में 1.49 करोड़ कुल जांचों पर 3.21 लाख तथा भारत में 3.44 करोड़ जांच पर 29.75 लाख लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
सबसे कम
प्रत्येक 10 लाख लोगों पर भारत में हुई सबसे कम जांच
दुनिया में प्रत्येक 10 लाख लोगों पर कोरोना जांच की बात की जाए तो इस मामले में रूस सबसे आगे हैं। यहां 2,29,451, अमेरिका में 2,20,731, ब्रिटेन में 2,20,626, चीन में 62,814 लोगों की जांच की गई है।
इसके उलट भारत में प्रत्येक दस लाख लोगों पर महज 23,636 लोगों की ही जांच की गई है।
यह भारत की आबादी के अनुसार बहुत कम है। यदि इसे बढ़ाया जाए तो देश में संक्रमितों की संख्या और अधिक हो सकती है।
जानकारी
दुनिया में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2.26 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनमें से 7.91 लाख की मौत हो गई, जबकि 1.53 करोड़ लोग उपचार से ठीक हो गए। 57.01 लाख संक्रमितों के साथ अमेरिका सबसे प्रभारित देश बना हुआ है।