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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जताई भारत-चीन सीमा विवाद पर मध्यस्थता करने की इच्छा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जताई भारत-चीन सीमा विवाद पर मध्यस्थता करने की इच्छा

May 27, 2020
07:45 pm

क्या है खबर?

लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर चीन द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण करने के बाद उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन और भारत ने वहां सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। इस बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत-चीन के इस सीमा विवाद में मध्‍यस्‍थता कराने की इच्‍छा जताई है। ट्रंप ने इससे पहले भारत-पाकिस्‍तान के बीच भी सीमा विवाद पर मध्‍यस्‍थता कराने की बात कही थी, जिसके बाद मामला काफी गरमाया था।

प्रकरण

LAC पर आए दिन हो रहा है चीन और भारत के सैनिकों में टकराव

LAC पर मई की शुरुआत से भारत और चीन की सेना के बीच लगातार हो रहे टकराव ने अब राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। चीन का दावा है कि भारत उनके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहा है। भारत सरकार का कहना है कि यह सब कार्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल है और वह चीन की आक्रामक कार्रवाई के आगे नहीं झुकेगा। विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत सीमा मुद्दों के लिए एक जिम्मेदार दृष्टिकोण रखता है।

ट्वीट

दोनों देशों को दी मध्यस्था करने की सूचना- ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर दोनो देशों के बीच सीमा विवाद पर मध्यस्थता करने ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'हमने भारत और चीन को बताया है कि अमेरिका दोनों के बीच उबलते सीमा विवाद में मध्यस्थता करने या फैसला करने के लिए तैयार है, इच्छुक है और योग्य भी है।' दरअसल, लद्दाख में सालभर पहले एक सड़क बनकर पूरी हुई है। यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हालात में संपन्न हुआ था। इससे चीन झल्लाया हुआ है।

दिलचस्पी

ट्रम्प ने भारत-पाक सीमा मुद्दों में ली थी दिलचस्पी

बता दें कि इससे पहले पिछले साल सितंबर में भी ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान विवाद पर मध्यस्थता में दिलचस्पी दिखाई थी। ट्रम्प ने कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान विवाद को हल करना चाहते हैं। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत आतंकवाद को पनाह नहीं देने वाले देश से ही बातचीत कर सकता है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के मध्यस्थता में रुचि नहीं ली।

सुझाव

अमेरिकी अधिकारी ने कही चीन के प्रयासों का विरोध करने की बात

बता दें कि मई की शुरुआत में दक्षिण एशिया के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने चीन पर सीमा की मौजूदा यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने भारत से इस तरह के प्रयासों का विरोध करने के लिए कहा था। अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक के हवाले से उन्होंने कहा, "जो कोई भी भ्रम में था कि चीन ने केवल आक्रामकत बयानबाजी की थी, मुझे लगता है कि उन्हें भारत से बात करनी चाहिए।"

तैयारी

दोनों देश स्थिति से निपटने की कर रहे हैं तैयारी

सीमा पर भारत और चीन के बीच बिगड़े हालात को लेकर दोनों देश अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना की तीनों इकाइयों के प्रमुखों के साथ गहन बैठक की थी। इसी तरह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विभिन्न अटकलें लगाते हुए सैनिकों के प्रशिक्षण को मजबूत करने और युद्ध के लिए तैयार रहने की बात कही थी।