कोरोना: कुछ हफ्तों में उपलब्ध होंगी 3-4 वैक्सीन्स, लोगों को मिलेगा चुनने का विकल्प- AIIMS निदेशक
अगले कुछ हफ्तों में देश में कोरोना वायरस से सुरक्षा देने वाली 3-4 वैक्सीन्स उपलब्ध होंगी और लोगों के पास इनमें से चुनने का भी विकल्प होगा। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाते हुए सरकार ने 1 मार्च से शुरू हो रहे दूसरे चरण में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए केंद्र चुनने का विकल्प दिया है।
देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ था वैक्सीनेशन अभियान
भारत में 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत की थी। वैक्सीनेशन अभियान में अभी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। 1 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे चरण में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 20 तरह की बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के मरीजों को वैक्सीन दी जाएगी।
अलग-अलग केंद्रों पर मिलेगी अलग-अलग वैक्सीन्स- गुलेरिया
NDTV से बात करते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा, "अगले कुछ हफ्तों में हमारे पास 3-4 वैक्सीन्स होंगी। एक केंद्र पर सारी वैक्सीन्स उपलब्ध नहीं होंगी, लेकिन ऐसा हो सकता है कि किसी इलाके में अलग-अलग अस्पताल अलग-अलग वैक्सीन लगा रहे होंगे। पहले पता चल जाएगा कि कहां कौन सी वैक्सीन मिल रही है। इससे आपको वैक्सीन में चुनाव का मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं होगा कि आप किसी एक केंद्र पर जाकर किसी खास वैक्सीन की मांग करें।
गुलेरिया ने बताई वैक्सीनेशन में तेजी लाने की जरूरत
AIIMS निदेशक ने देश के कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों के बीच कहा कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लानी होगी। उन्होंने कहा, "अगर हम बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीनेट कर देते हैं तो इससे न सिर्फ संक्रमण के मामले कम होंगे बल्कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी कम कर पाएंगे।" बता दें, सरकार का लक्ष्य जुलाई-अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का है।
निजी केंद्रों पर एक खुराक के लिए देने होंगे 250 रुपये
आगामी 1 मार्च से शुरू हो रहे दूसरे चरण में 10,000 सरकारी और 20,000 निजी केंद्रों पर वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकारी केंद्र पर मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी और निजी केंद्र पर इसके लिए भुगतान करना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रति खुराक 250 रुपये शुल्क निर्धारित किया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में कोई भी निजी वैक्सीनेशन केंद्र 250 रुपये से ज्यादा नहीं वसूल सकेगा।
इन 20 बीमारियों के 45 साल से अधिक के मरीजों को लगेगी वैक्सीन
सरकार ने उन 20 बीमारियों की सूची जारी कर दी है, जिनके 45 साल से अधिक के मरीजों को वैक्सीन दी जाएगी। इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के लिए अपना मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा। बीते एक साल के दौरान हार्ट अटैक झेलने वाले और उसके कारण अस्पताल में भर्ती रहे मरीज, अस्पताल में भर्ती दो साल से गंभीर श्वास रोगी, अनियंत्रित डायबिटीज के रोगी, जुलाई 2020 के बाद कैंसर होने और इसकी थैरेपी ले रहे मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
इन बीमारियों के मरीज भी लगवा सकेंगे वैक्सीन
इनके अलावा दिल, लिवर, किडनी, सिकलसेल, थैलेसीमिया, HIV के मरीज वैक्सीन लगवा सकेंगे। उन मरीजों को भी वैक्सीन लगेगी जो लिवर, किडनी या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की स्थिति और वेटिंग में है या करवा चुके हैं। हाइपरटेंशन का इलाज करवा रहे मरीजों को वैक्सीन लगेगी। इसके अलावा स्ट्रोक के मरीजों को सीटी-स्कैन या MRI की रिपोर्ट दिखाने पर वैक्सीन लग सकेगी। बता दें कि वैक्सीन लेना पूरी तरह ऐच्छिक है। सरकार की तरफ से इसे अनिवार्य नहीं किया गया है।
वैक्सीन लगवाने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन
बौद्धिक दिव्यांगता, बहरापन समेत एक से अधिक दिव्यांगता वाले 45 साल से अधिक उम्र के लोग दूसरे चरण में वैक्सीन लगवा सकेंगे। इसके अलावा तेजाब हमले में श्वास प्रणाली प्रभावित हो चुके और मांसपेशियों के दुर्विकास से पीड़ित मरीज वैक्सीन ले सकेंगे। वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों को आरोग्य सेतु, कोविन ऐप 2.0 या वैक्सीनेशन केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आप यहां टैप कर इस संबंध में पूरी जानकारी ले सकते हैं।