अपने लोगों को लगी वैक्सीन से अधिक दुनियाभर में आपूर्ति की- संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत
दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप अभी बरकरार है और सभी देशों की सरकारें वैक्सीनेशन पर अधिक फोकस कर रही है। इसी बीच सबसे बड़ी समस्या आ रही है वैक्सीनों की समय पर आपूर्ति। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र परिषद वैक्सीन उत्पादक देशों से अन्य देशों में आपूर्ति की बात कर रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने कहा कि उसने अपने देश में लोगों को लगी वैक्सीनों की संख्या से कहीं अधिक दुनियाभर में आपूर्ति की है।
भारत में वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 5,81,09,773 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 26,05,333 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण चल रहा है।
वैक्सीन आपूर्ति की असमानता से प्रभावित होंगे गरीब देश- नायडू
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप-स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने महासभा की अनौपचारिक बैठक में कहा कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में वैक्सीन को अंतिम उपचार माना जा रहा है। वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने कड़ी मेहनत कर वैक्सीन तो तैयार कर ली है, लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती इसकी दुनियाभर में समान आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आपूर्ति में जारी असमानता दुनिया के गरीब देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी।
महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सबसे आगे रहा है भारत- नायडू
नायडू ने कहा महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत सबसे आगे रहा है। भारत अगले छह महीनों में न केवल अपने 30 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाएगा, बल्कि दुनियाभर के 70 से अधिक देशों में भी वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। उन्होंने बताया कि भारत अब तक देश में लगी वैक्सीन की संख्या से कहीं अधिक संख्या में अन्य देशों को आपूर्ति कर चुका है। इससे दुनिया के प्रति भारत के सहयोग को समझा जा सकता है।
'वैक्सीन मैत्री' पहल के तहत छह करोड़ खुराकें निर्यात कर चुका है भारत
गौरतलब है कि भारत अपनी 'वैक्सीन मैत्री' पहल के तहत दुनियाभर में वैक्सीनें प्रदान कर रहा है। वह अभी तक अपने पड़ोसी, दक्षिण-पूर्व एशियाई, लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों को वैक्सीन भेज चुका है। भारत गरीब देशों को वैक्सीन प्रदान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के गठबंधन 'कोवैक्स' का भी हिस्सा है। भारत अभी तक छह करोड़ खुराकें निर्यात कर चुका हैं जिनमें से 2.8 करोड़ खुराकें कोवैक्स की दी गई हैं।
UN शांति मिशनों को दान दी दो लाख वैक्सीन
भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) के शांति मिशनों पर तैनात शांतिदूतों के लिए कोरोना वैक्सीन की दो लाख खुराकें तोहफे में दी है। इन वैक्सीनों को रवाना कर दिया गया है। बाद में इनका वितरण अलग-अलग जगहों पर तैनात शांतिदूतों को किया जाएगा।
क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में चल रही है 30 वैक्सीन- नायडू
नायडू ने कहा कि भारत में वर्तमान में वैक्सीनेशन अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक द्वारा तैयार स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन जल्द ही और वैक्सीन भी मिलना शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 30 से अधिक और वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में चल रही है। उन्होंने वैक्सीनों की कम कीमत और आसान पहुंच पर भी जोर दिया है।
नायडू ने दिया वैश्विक एकजुटता पर बल
नायडू ने चिंता जताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों और पहलों के बावजूद दुनियाभर में तैयार कोरोना वैक्सीनों का वितरण अभी भी दुनिया भर में असमान है। अभी तक 36 देशों में कोरोना वैक्सीन की खुराकें नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में उन देशों में हालत बिगड़ रहे हैं। उन्होंने महामारी के खात्मे के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर वैक्सीन उत्पादन और वितरण बढ़ाने के लिए वैश्विक एकजुटता और बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है।
कमजोर देशों को मिलनी चाहिए प्राथमिकता- बोजरिक
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कान बोजरिक ने बैठक में कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को एकसाथ अपनी चपेट में लिया है। ऐसे में वैक्सीनों की समान और समय पर पहुंच ही इससे निजात दिला सकती है। उन्होंने कहा महामारी से खात्मे के लिए बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। इसके लिए वैक्सीन की पहुंच सबसे जरूरी है। उन्होंने आपूर्ति में कमजोर देशों को प्राथमिकता देने की भी बात कही।
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' है भारत
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कि दुनिया को कोरोना महामारी से बाहर निकालने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी भी आश्वासन दे चुके हैं कि भारत की इस क्षमता का मानवता के भले के लिए उपयोग होगा।