बुर्के पर बहसः जावेद अख्तर बोले- बुर्के पर लगे रोक तो घूंघट पर भी हो प्रतिबंध
श्रीलंका में चेहरा ढकने पर लगाई गई पाबंदी के बाद भारत में भी बुर्का पर रोक लगाने को लेकर बहस शुरू हो चुकी है। इस पर ताजा बयान जाने-माने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर का आया है। उन्होंने कहा कि देश में बुर्के पर रोक लगने से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन घूंघट पर भी रोक लगनी चाहिए। उनसे पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लेख लिखकर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
जावेद अख्तर ने बुर्के पर रोक को लेकर कही यह बात
पत्रकारों से बात करते हुए अख्तर ने कहा कि वो जिस घर में रहते हैं वहां कामकाजी महिलाएं थीं तो उन्होंने अपने घर में कभी बुर्का नहीं देखा। उन्होंने कहा कि इराक कट्टर मुस्लिम देश है, लेकिन वहां औरतें अपना चेहरा नहीं ढंकती। श्रीलंका में जो कानून आया है उसमें यह है कि कोई अपना चेहरा नहीं ढक सकता। वहां बुर्का पहन सकते हैं, लेकिन चेहरा ढका हुआ नहीं होना चाहिए। यह वहां कानून में लिखा हुआ है।
बुर्के के साथ-साथ घूंघट पर भी लगे रोक
जावेद अख्तर ने आगे कहा कि भारत में अगर बुर्के पहनने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून लाना चाहते हैं और अगर किसी की राय है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे पहले कि राजस्थान में आखिरी मतदान हो जाए केंद्र सरकार को ऐलान करना पड़ेगा कि राजस्थान में कोई घूंघट नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि घूंघट भी हट जाए और बुर्का भी हट जाए तो उन्हें खुशी होगी।
नकाब या घूंघट, सब पर लगे रोक
शुक्रवार को जावेद अख्तर ने ट्वीट अपने इस बयान को दोहराया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'कुछ लोग मेरे बयान को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने यह कहा था कि श्रीलंका में भले ही यह सुरक्षा के लिहाज से किया गया हो, लेकिन वास्तव में यह महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है। चेहरे को ढंकना बंद होना चाहिए, फिर चाहे वह नकाब हो या घूंघट।'
'चेहरा ढकने पर लगनी चाहिए रोक'
श्रीलंका में लगी चेहरा ढकने पर रोक
श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए धमाकों के बाद यहां की सरकार ने चेहरा ढकने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर नए नियम सोमवार से लागू हो गए हैं। नियमों के तहत अब यहां कोई चेहरा नहीं ढक सकेगा, यहां तक कि मुस्लिम महिलाएं भी हिजाब नहीं पहन पाएंगी। देश में चेहरा ढकने वाली हर पोशाक के पहनने पर प्रतिबंध लग गया है। बता दें, श्रीलंका धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
शिवसेना ने की बुर्के पर प्रतिबंध की मांग
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में केंद्र सरकार से देश में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अखबार ने कहा कि दुनिया के ये देश अगर अपने यहां आतंकी हमले होने पर बुर्के पर रोक लगा सकते हैं तो भारत यह रोक क्यों नहीं लगा सकता। हालांकि बाद में पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि यह संपादक का नजरिया हो सकता है। यह पार्टी के विचारों को नहीं दर्शाता।
इन देशों में पहले से लगी है बुर्के पर रोक
फ्रांस ने 2010 में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर रोक लगाई थी। एक साल बाद यहां बुर्के पर पूर्णतः रोक लगा दी गई। बेल्जियम ने 2011 में अपने यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया था। यहां महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का नहीं पहन सकती। डेनमार्क ने मई, 2018 में बुर्का पहनने पर रोक लगा दी थी। यहां यह नियम अगस्त, 2018 से लागू हुआ है।