चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 47 नई चौकियां तैयार करेगी ITBP
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने 47 नई सीमा चौकियां बनाने का आदेश दिया है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) इन चौकियों को तैयार करेगा और उसके ही जवान इनमें तैनात किए जाएंगे। शनिवार को ITBP के 59वें स्थापना दिवस पर आयोजिक कार्यक्रम में बोलते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह घोषणा की। इनका मकसद चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखना है।
अप्रैल से जारी है चीन के साथ विवाद
अप्रैल से ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। जून में यह विवाद उस वक्त चरम सीमा पर पहुंच गया था, जब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद के निपटारे के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं हो सका है।
रेड्डी ने संबोधन में कही यह बात
ITBP का गठन 24 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन सीमा संघर्ष के दौरान किया गया था। तब से लेकर अब तक यह बल मुख्यत: भारत-चीन सीमा सुरक्षा के लिए तैनात रही है। यह गृह मंत्रालय के अधीन आता है। रेड्डी ने कहा, "भारतीय संस्कृति दुनिया को शांति का संदेश देती है, लेकिन हमारी संस्कृति दुश्मन द्वारा पैदा की गई किसी भी विपरित स्थिति से खुद को बचाने के लिए मजबूत होने का मंत्र भी देती है।"
हमेशा उम्मीद पर खरे उतरे हैं ITBP के जवान- रेड्डी
अपने संबोधन के दौरान रेड्डी ने ITBP के योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोई भी परिस्थिति रही हो, ITBP के जवानों ने पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा की है। रेड्डी ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने की या छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुकाबले की बात हो, ITBP हमेशा उम्मीद पर खरी उतरी है। उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भूमिका के लिए भी ITBP का सराहना की।
बहादुरी पदक के लिए भेजे गए थे ITBP के 21 जवानों के नाम
स्वतंत्रता दिवस पर ITBP ने लद्दाख में सीमा झड़पों में बहादुरी के लिए 21 जवानों के नाम बहादुरी पदक के लिए अनुशंसित किए थे। इसके अलावा ITBP के महानिदेशक एसएस देसवाल ने सीमा पर जाकर लगभग 300 जवानों को महानिदेशक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्हों से सम्मानित किया था। इन जवानों ने लद्दाख में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तरफ से शुरू की गई झड़पों के दौरान साहस और वीरता का प्रदर्शन किया था।