इजरायल-हमास युद्ध: भारत ने दूसरी बार फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए भेजी राहत सामग्री
इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत सरकार ने एक बार फिर गाजा पट्टी में प्रभावित फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए बड़ी मदद भेजी है। रविवार को नई दिल्ली से भारतीय वायुसेना का दूसरा C-17 विमान 32 टन की सहायता सामग्री लेकर मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ। इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने युद्ध प्रभावित फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भारत आगे भी प्रभावित लोगों की मदद करता रहेगा।
विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'हम फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे। भारतीय वायुसेना का दूसरा C-17 विमान युद्ध प्रभावित फिलिस्तीनियों के लिए 32 टन राहत सामग्री लेकर मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गया है।' इस राहत सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, कंबल, टैंट, कपड़े सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
फिलिस्तीन में मानवीय सहायता जारी रखेंगे- विदेश मंत्रालय
प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन में मानवीय सहायता बढ़ाने पर दिया जोर
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र के दौरान फिलिस्तीन में मानवीय सहायता बढ़ाने के लिए जोर दिया था। उन्होंने कहा था, "हम इजरायल-हमास युद्ध में आम नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करते हैं। हमने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद मानवीय सहायता भी भेजी और आगे भी सहायता भेजी जाएगी। यही समय है, जब ग्लोबल साउथ के देशों को वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए।"
UN ने भुखमरी के बढ़ते खतरे की दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र (UN) इजरायल से लगातार युद्ध विराम का आह्वान करता आ रहा है। हाल में UN ने युद्ध प्रभावित गाजा पट्टी क्षेत्र में भुखमरी के बढ़ते खतरे की चेतावनी दी थी। UN ने अपने बयान में कहा था कि युद्ध प्रभावित गाजा पट्टी क्षेत्र में 23 लाख लोगों के पास खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा है। इस क्षेत्र में लोगों के पास भोजन, पानी और दवाएं उपलब्ध नहीं है और स्थिति भयावह हो गई है।
राफा बॉर्डर से प्रतिदिन 2 ईंधन ट्रकों को प्रवेश की अनुमति
UN के दवाब में इजरायल ने मिस्र के राफा बॉर्डर से प्रतिदिन 2 ईंधन ट्रकों को प्रवेश की अनुमति देने के अनुरोध पर सहमति जताई। भुखमरी के चेतावनी के बाद इजरायल कैबिनेट ने ये फैसला लिया था। UN का कहना है कि इजरायल द्वारा गाजा में प्रतिदिन ईंधन की आपूर्ति की अनुमति आवश्यकता से आधी है। इसमें पानी के टैंकर, अस्पताल में जनरेटर और सहायता पहुंचाने वाले ट्रकों को ईंधन देना शामिल है।
युद्ध में अब तक लगभग 13,000 लोगों की मौत
इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 12,897 लोगों की मौत हो चुकी है। युद्ध में 1,200 से अधिक इजरायली लोग मारे गए हैं, जबकि इजरायल के जवाबी हमलों में गाजा पट्टी के 11,697 लोग मारे गए हैं, जिनमें 4,650 बच्चे भी शामिल हैं। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के बाद हमास ने 240 लोगों को बंधक बना लिया था, जिन्हें इजरायली सेना छुड़ाने का प्रयास कर रही है। युद्ध में 1,500 आतंकी और 58 इजरायली सैनिक भी मारे गए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
राफा सीमा मिस्र और गाजा के बीच की सीमा है। गाजा में जाने के लिए ये एकमात्र सीमा है, जो इजरायल की ओर नहीं जाती है। 1 अक्टूबर, 1906 को ओटोमन शासकों और ब्रिटिश सरकार के बीच समझौते से इस सीमा का जन्म हुआ था। हालांकि, बाद में इसे लेकर कई विवाद भी हुए और अलग-अलग समझौते भी हुए। भले ही ये सीमा गाजा और मिस्र के बीच हो, लेकिन इसकी सुरक्षा का ज्यादातर प्रबंध इजरायल के पास ही है।