फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ समझौता तोड़ा, भारत की सेमीकंडक्टर बनाने की योजना को लगा झटका
क्या है खबर?
ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन ने सोमवार को कारोबारी अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड के साथ अपनी संयुक्त उपक्रम की साझेदारी तोड़ दी। दोनों कंपनियां मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर बनाने का संयंत्र लगाने वाली थीं।
फॉक्सकॉन और वेदांता लिमिटेड के बीच पिछले साल गुजरात में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। अब फॉक्सकॉन ने इस समझौते से पीछे हटने का ऐलान कर दिया है।
बयान
फॉक्सकॉन ने अपने बयान में क्या कहा?
इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने खुद को संयुक्त उद्यम से अलग करने का इरादा जाहिर किया है।
फॉक्सकॉन ने अपने बयान में कहा, "वह इकाई से अपना नाम हटाने की कोशिश कर रही है, जो अब पूरी तरह से वेदांता के स्वामित्व में है। संयुक्त उद्यम के मूल नाम को बनाए रखने से भविष्य के हितधारकों के लिए भ्रम पैदा होगा क्योंकि अब हमारा इकाई से कोई संबंध नहीं है।"
जानकारी
फॉक्सकॉन ने भारत सरकार के साथ सहयोग का किया वादा
फॉक्सकॉन ने भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योग और भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' मुहिम को निरंतर समर्थन का वादा किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने हितधारकों की जरूरतों के अनुरूप स्थानीय भागीदारी स्थापित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
मामला
वेदांता के पास है संयुक्त उपक्रम का पूर्ण स्वामित्व
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते वेदांता लिमिटेड ने संयुक्त उद्यम का पूर्ण स्वामित्व ले लिया, जिसे अब तक 'वेदांता फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड' के नाम से जाना जाता था। यह पहले वेदांता समूह की इकाई 'ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज लिमिटेड' के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी।
यह पुर्नगठन वेदांता लिमिटेड को सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत की पहली कंपनी बनाता है और उसने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण उद्यमों को शामिल करके अपने विविध पोर्टफोलियो का विस्तार किया है।
वेदांता
वेदांता की ओर नहीं आया कोई आधिकारिक बयान
मामले में अभी तक वेदांता लिमिटेड की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। फॉक्सकॉन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम पर आगे नहीं बढ़ेगी और इस निर्णय की वजह भी साफ-साफ नहीं बताई गई है।
फॉक्सकॉन का यह कदम भारत में पहली बार स्थानीय स्तर पर सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए विदेशी निवेशकों को लुभाने की नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
मामला
दोनों कंपनियों के बीच क्या समझौता हुआ था?
13 सितंबर, 2022 को भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण के लिए वेदांता और फॉक्सकॉन ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके तहत दोनों कंपनियां ने गुजरात में करीब 20 बिलियन डॉलर (लगभग 1.54 लाख करोड़ रुपये) की लागत से सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने के लिए एक संयुक्त उद्यम में निवेश की घोषणा की थी।
इस संयुक्त उद्यम में वेदांता बड़ी शेयरधारक कंपनी थी।