चीन के अंदर तक मार करने वाले लंबी दूरी के हथियार विकसित कर रहा भारत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
स्वीडन के थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार अपनी परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयास तेज करने के साथ-साथ लंबी दूरी के हथियार विकसित करने पर विशेष जोर दे रही है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कि भारत द्वारा विकसित किए जा रहे लंबी दूरी के हथियार चीन के अंदर तक मार करने में सक्षम हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यह रणनीतिक बदलाव अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ते तनाव से प्रेरित है।
रिपोर्ट
तेजी से बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर रहा भारत- SIPRI
SIPRI के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय 5,000 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली अग्नि-5 जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों को तेजी के साथ विकसित कर रहा है, जो भारत की मारक क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसके अलावा भारत अपनी संपत्तियों की रक्षा करने के साथ-साथ संभावित खतरों का मुकाबला करने के लक्ष्य को लेकर उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में लगातार निवेश कर रहा है।
भारत तेजी के साथ परमाणु हथियारों के बेड़े का भी विस्तार कर रहा है।
रिपोर्ट
भारत ने क्यों किया अपनी रणनीति में बदलाव?
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर परमाणु हथियारों की बात करें तो पाकिस्तान अभी भी भारत की रणनीति के केंद्र में है।
हालांकि, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तेजी से बदल रहे हालातों और चीन के उग्र रूप के कारण भारत को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इसके कारण भारत लगातार उन्नत मिसाइलों और रक्षा प्रणालियों में निवेश कर रहा है, ताकि बाहरी चुनौतियों से देश की रक्षा की जा सके।
हथियार
चीन भी अपने परमाणु हथियारों में कर रहा इजाफा
SIPRI के अनुमान के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 12,512 परमाणु हथियार मौजूद हैं, जिनमें से 9,576 हथियार फिलहाल उपयोग के लिए तैयार हैं।
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति चीन ने अपने हथियारों की संख्या जनवरी, 2022 में 350 से बढ़ाकर जनवरी, 2023 में 410 तक कर ली है। आशंका है कि चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या में और इजाफा कर सकता है।
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के पास 164 परमाणु हथियार हैं।
कारण
भारत और चीन के बीच जारी है सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से सीमा विवाद को लेकर तनाव चल रहा है।
जून, 2020 में लद्दाख स्थित गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहीं चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचा था।
इसके बाद पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक बार फिर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थीं और उनके बीच झड़प हुई थी।
बयान
SIPRI ने हथियारों के इजाफे पर जताई चिंता
SIPRI के निदेशक डैन स्मिथ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया मानव इतिहास के सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर रही है।
स्मिथ ने भू-राजनीतिक तनावों को शांत करने और हथियारों की दौड़ धीमी करने समेत अन्य मुद्दों को संबोधित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि एक साल पहले की तुलना में दुनिया में अभी प्रमुख परमाणु शक्तियों के सैन्य शस्त्रागार में 86 अधिक परमाणु हथियार हैं।