बिना किसी विरोध के UN सुरक्षा परिषद का गैर-स्थाई सदस्य चुना गया भारत
बुधवार रात भारत बिना किसी विरोध के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का गैर-स्थाई सदस्य चुना गया। बैलेट पेपर के जरिए हुए वोटिंग में भारत को मौके पर उपस्थित सभी 184 वोट मिले। भारत के अलावा आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ने भी इस चुनाव में जीत दर्ज की। भारत ने इस भारी-भरकम समर्थन के लिए बाकी देशों को धन्यवाद कहा है। अपने दो वर्ष के 2021-2022 कार्यकाल के दौरान वह स्थाई सदस्यता पर जोर दे सकता है।
कुछ ऐसा है UNSC का स्वरूप, इसलिए होते हैं चुनाव
संयुक्त राष्ट्र (UN) के सबसे शक्तिशाली संगठन UNSC में किसी भी समय पर 15 सदस्य होते हैं। इनमें से पांच सदस्य- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन- स्थाई सदस्य हैं। वहीं 10 सदस्य गैर-सदस्य होते हैं और उनका चुनाव दो साल के कार्यकाल के लिए किया जाता है। हर साल पांच गैर-स्थाई सीटों के लिए चुनाव होता है और देशों के चुनाव उनके क्षेत्र के हिसाब से किया जाता है ताकि UNSC में सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व रहे।
पांच सीटों पर मैदान में उतरे ये सात देश
इस साल जिन पांच सीटों पर गैर-अस्थाई सदस्यता के लिए चुनाव होना था, उनमें एशिया-पैसिफिक समूह (APG) की सीट के लिए भारत निर्विरोध प्रत्याशी था। इसी तरह लैटिन अमेरिका और कैरिबयाई समूह की सीट के लिए मैक्सिको एकमात्र प्रत्याशी था। पश्चिम यूरोप और अन्य समूह (WEOG) की दो सीटों के लिए कनाडा, आयरलैंड और नॉर्वे मैदान में उतरे। इसी तरह अफ्रीकी समूह की एक सीट के लिए केन्या और जिबूती मैदान में उतरे।
वोटिंग के लिए उपस्थित रहे 192 में से 184 सदस्य
UN अधिकारियों को डर था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कई देश वोटिंग के लिए उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, लेकिन उसका ये डर गलत साबित हुआ और 192 में से 184 सदस्य वोटिंग के लिए आए। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक बार में केवल 20 देशों के सदस्यों को वोटिंग के लिए भेजा गया। भारत को अपनी सीट जीतने के लिए दो तिहाई वोटों की जरूरत थी, लेकिन सभी 184 सदस्यों ने उसके समर्थन में वोट किया।
महज औपचारिकता था भारत का चुनाव
APG की सीट के लिए एकमात्र प्रत्याशी होने के कारण भारत का चुनाव महज औपचारिकता था। पिछले साल जून में APG के सभी 55 सदस्यों ने सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। पहले अफगानिस्तान भी इस सीट के लिए खड़ा होना चाहता था, लेकिन भारत के कहने पर उसने अपना नाम वापस ले लिया। भारत का समर्थन करने वाले APG के देशों में चीन और पाकिस्तान भी शामिल थे।
आठवीं बार गैर-स्थाई सदस्य बना है भारत
भारत आठवीं बार UNSC का गैर-स्थाई सदस्य बना है। इससे पहले वह 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और हाल ही में 2011-2012 में UNSC का गैर-स्थाई सदस्य रह चुका है। उसका आठवां कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को शुरु होगा।
समर्थन के लिए भारत ने कहा धन्यवाद
भारत को समर्थन के लिए अन्य देशों का शुक्रिया अदा करते हुए UN में भारत के स्थाई प्रतिनिध टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, "हमें भारी समर्थन मिला है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भारत में जो भरोसा जताया है, उससे हम अभीभूत हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत एक नाजुक समय पर UNSC का सदस्य बनेगा और हमें विश्वास है कि कोविडा के बाद के दौर में भारत बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार के लिए नेतृत्व प्रदान करता रहेगा।"
स्थाई सदस्यता की मुहिम में तेजी ला सकता है भारत
भारत UNSC में अपने इस कार्यकाल का इस्तेमाल अपनी स्थाई सदस्यता की मुहिम में तेजी लाने के लिए कर सकता है। भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले काफी समय से UNSC में सुधार और अन्य देशों को स्थाई सदस्य बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि इसमें दुनिया का बेहतर प्रतिनिधित्व हो सके। बता दें कि UNSC के स्थाई सदस्य के पास कई अहम शक्तियां होती हैं जिनमें सबसे अहम किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति है।