भारत और अपनी अन्य सीमाओं पर चीन आक्रामक रुख क्यों अपना रहा है?
कोरोना वायरस संकट के बीच चीन अपनी सीमाओं पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। लद्दाख में भारत के साथ सीमा पर पिछले कुछ दिन से चीन लगातार तनाव और संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में भी यही स्थिति है। हांगकांग में भी चीन ऐसा कानून लाने जा रहा है जिससे हांगकांग की स्वायत्तता लगभग खत्म हो जाएगी। इस समय चीन आखिर ऐसा क्यों कर रहा है, आइए आपको इसके तीन बड़े कारण बताते हैं।
कोरोना वायरस पर अपारदर्शिता को लेकर पश्चिमी देश चीन पर हमलावर
कोरोना वायरस को लेकर अपारदर्शिता और दुनिया को इसके बारे में देरी से चेतावनी देने के कारण दुनिया के ज्यादातर देश विशेषकर पश्चिमी देश चीन पर हमलावर हैं। अमेरिका के नेतृत्व वाले इस कैंप की मांग है कि मामले में चीन की जांच होनी चाहिए। इसी हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सालाना बैठक में कोरोना वायरस कहां से और कैसे आया और WHO की इसमें क्या भूमिका रही, इसकी जांच से संबंधित प्रस्ताव भी पेश किया गया।
सीमा पर तनाव पैदा कर भारत को ये संदेश देना चाहता है चीन
भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था और भारत की सीमा पर तनाव पैदा करके चीन संदेश देना चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन के खिलाफ जाने से पहले भारत को इसके परिणामों के बारे में सोच लेना चाहिए। लिपुलेख दर्रा को लेकर नेपाल के अप्रत्याशित विरोध के पीछे भी चीन को माना जा रहा है और इस सबके जरिए वह भारत को संदेश जाना चाहता है कि वह उसके पड़ोस में समस्याएं पैदा कर सकता है।
चीन के आक्रामक रुख का दूसरा कारण ये
चीन के इस आक्रामक रुख का दूसरा कारण घर के अंदर पैदा होता असंतोष है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि जब कोई भी सरकार या नेता अपने देश में खुद को घिरता हुआ पाता है तो अन्य देशों के साथ तनाव या संघर्ष की स्थिति पैदा कर देता है। ऐसा करके उसका मकसद देश में राष्ट्रवाद की हवा पैदा करना और इसके जरिए उसकी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाना होता है।
अंसतुष्ट लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर तनाव पैदा कर रहा चीन
अभी भारत या दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रणनीति अपनाकर चीनी सरकार यही कर रही है। पश्चिमी मीडिया संस्थानों की मानें तो कोरोना वायरस को संभालने के चीनी सरकार के तरीके से वहां के लोग असंतुष्ट हैं। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ लोगों की नाराजगी 1948 में उसके सत्ता में आने के बाद सबसे अधिक बताई जा रही है और इसी से ध्यान भटकाने के लिए चीन सीमाओं पर तनाव पैदा कर रहा है।
1962 युद्ध के समय भी चीन में था सरकार के प्रति असंतोष
1962 के भारत-चीन युद्ध के लिए भी चीन के घरेलू हालात काफी हद तक जिम्मेदार थे। तब चीन के सर्वोच्च नेता माओ जेडोंग की नीतियों के कारण चीन में एक बड़ा अकाल आया था और इससे ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने भारत पर हमला किया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर घिरने लगा है चीन
चीन के आक्रामक रुख का तीसरा कारण कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक मंच पर उसके घिरने से संबंधित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो शुरू से ही चीन पर हमलावर हैं, अब अन्य देश भी चीन के खिलाफ बोलने लगे हैं। अपनी बात स्पष्ट तौर पर कहने से बचने के लिए प्रसिद्ध ब्रिटेन से लेकर फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी उस पर हमलावर हैं। इन परिस्थितियों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए भी चीन ऐसा कर रहा है।