भारत और चीन के बीच LAC पर गश्त को लेकर बनी नई सहमति- विदेश मंत्रालय
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच एक बड़ी खबर आ रही है। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता हो रही है और चीन के साथ LAC के मुद्दों पर समझौता हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने क्या जानकारी दी?
विदेश सचिव मिस्री ने कहा, "भारत और चीन के अधिकारी हाल ही में हुई बातचीत के बाद LAC पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। हम चीन के साथ चर्चा किए जा रहे मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में से सैनिकों की वापसी हो रही है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों का समाधान हो रहा है।"
किन जगहों को लेकर बनी सहमति?
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त से संबंधित है। इन दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू हो चुकी है और जल्द ही दोनों देश अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर देंगे। बता दें कि सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) 30 से ज्यादा बैठक कर चुका है।
BRICS सम्मेलन से पहले अहम है घोषणा
22 और 23 अक्टूबर को रूस के कजान में BRICS समूह का 16वां शिखर सम्मेलन होना है। इसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। भारत के साथ-साथ चीन भी इस संगठन का सदस्य है। ऐसे में सम्मेलन से ठीक पहले इस घोषणा को बेहद अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज (21 अक्टूबर) को कजान रवाना होंगे।
2020 में भिड़े थे दोनों देशों के सैनिक
भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से LAC पर तनाव बना हुआ है। तब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ कर दी थी। उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को गलवान में तनाव हिंसा में बदल गया। इस खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए।