कतर: मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को बड़ी राहत, सजा कम हुई
क्या है खबर?
कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को बड़ी राहत मिली है। कतर की एक कोर्ट ने आठों की फांसी की सजा को कम कर दिया है।
हालांकि, फैसले के बारे में अभी विस्तार से जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इसे बड़ी राहत माना जा रहा है। सुनवाई के दौरान पूर्व नौसेनिकों के परिजन भी कोर्ट में मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि मामले को लेकर कतर के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बयान
मामले पर विदेश मंत्रालय ने क्या बताया?
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है। कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे आज परिवार के सदस्यों के साथ कोर्ट में उपस्थित थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे।"
सजा
8 नौसेनिकों को हुई थी फांसी की सजा
इसी साल 26 अक्टूबर में कतर की कोर्ट ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी अधिकारी दोहा स्थित अल-दहरा नामक कंपनी में काम करते थे, जो कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देती थी।
सभी लोगों को अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किया गया था। कतर ने आधिकारिक तौर पर न तो नौसेनिकों पर लगे आरोप और न ही सुनवाई की प्रक्रिया को सार्वजनिक किया है।
मामला
क्या है मामला?
गिरफ्तार किए गए सभी लोगों पर कतर की एक पनडुब्बी से जुड़ी गोपनीय जानकारी इजरायल से साझा करने के आरोप हैं। ये सभी जिस कंपनी में काम करते थे, वही कंपनी इस पनडुब्बी परियोजना पर काम कर रही थी।
कतर ने दावा किया था कि इन अधिकारियों ने इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के उसके एक गुप्त कार्यक्रम की जासूसी की और उसके पास इसके इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं।
सैनिक
कौन हैं गिरफ्तार किए गए पूर्व नौसेनिक?
जिन अधिकारियों को सजा दी गई है, उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णंदू तिवारी, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं। ये सभी सेवानिवृत्त हैं।
कमांडर तिवारी को 2019 में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
अक्टूबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन सभी पूर्व नौसेनिकों के परिजनों से मुलाकात की थी।