देश मना रहा 74वां गणतंत्र दिवस, पहली बार कर्तव्य पथ पर हुई परेड
क्या है खबर?
भारत आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और आज पहली बार नए कर्तव्य पथ पर परेड हुई। अब तक इसे राजपथ के नाम से जाना जाता था, लेकिन केंद्र सरकार ने रंग-रूप बदलने के बाद इसका नाम कर्तव्य पथ रख दिया है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया है और उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परेड का आनंद लिया।
परेड
परेड में दिखी देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत
गणतंत्र दिवस की परेड लगभग 10:30 बजे शुरू हुई और इसमें देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता दोनों देखने को मिलेंगे।
परेड में कुल 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झाकियां निकाली गईं। इसके अलावा छह मंत्रालयों और विभागों ने भी नए भारत का उदय दर्शाने वाली झाकियां निकालीं।
समारोह में 479 कलाकार 'वंदे भारतम' डांस प्रतियोगिता में शामिल हुए।
पहली बार मिस्र की सेना का एक 144 सदस्यीय दल भी परेड में शामिल हुआ।
करतब
फ्लाई पास्ट में राफेल समेत कई विमानों ने दिखाए करतब
परेड के अंत से पहले फ्लाई पास्ट हुआ, जिसमें कई तरह के विमानों ने हिस्सा लिया। हाल ही में खरीदा गया राफेल लड़ाकू विमान भी परेड में शामिल हुआ और उसके विमानों ने 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर विजय फॉर्मेशन बनाया।
इसके अलावा अपाचे हेलीकॉप्टर और लाइट हेलीकॉप्टर प्रचंड ने भी हवा में करतब दिखाए।
सुखोई-30 विमानों ने त्रिशूल फॉर्मेशन में 750 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर करतब दिखाए।
सुरक्षा
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, लगभग 6,000 जवान तैनात
गणतंत्र दिवस की परेड के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और लगभग 6,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया, जिन्होंने चप्पे-चप्पे पर नजर रखी।
लगभग 150 CCTV कैमरों ने कर्तव्य पथ की निगरानी कीं, जिनमें से कुछ हाई-रिजॉल्यूशन के थे।
दिल्ली मेट्रो के केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन और मंडी हाउस स्टेशन पर सुबह 5 से दोपहर 2 बजे तक केवल उन लोगों को उतरने की इजाजत रही, जिनके पास समारोह में शामिल होने की टिकट होगी।
संबोधन
गणतंत्र दिवस की पूर्व संख्या पर राष्ट्रपति ने देश को किया संबोधित
इससे पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संख्या पर राष्ट्रपति मुर्मू ने देश को संबोधित किया। देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक आत्मविश्वास से भरा राष्ट्र बन चुका है।
उन्होंने कहा, "हम सब एक ही हैं और हम सभी भारतीय हैं। इतने सारे पंथों और भाषाओं ने हमें बांटने की जगह जोड़ा है।"
उन्होंने कहा कि देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अपनी उपलब्धियों पर गर्व कर सकता है।
जानकारी
क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
आज ही के दिन यानि 26 जनवरी को 1950 में देश में संविधान लागू हुआ था और इसी कारण इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान को बनाने में दो साल, 11 महीने और 17 दिन लगे थे।