भारतीय पब्लिशर्स के साथ लाइसेंसिंग डील करेगी गूगल, सुंदर पिचाई ने दी जानकारी
क्या है खबर?
सर्च इंजन कंपनी गूगल जल्द भारतीय पब्लिशर्स के साथ लाइसेंसिंस डील्स साइन कर सकती है, जिसके बाद उनका कंटेंट दिखाने के बदले उन्हें भुगतान किया जाएगा।
अल्फाबेट (गूगल) CEO सुंदर पिचाई ने खुद इस बारे में जानकारी दी है और इसकी पुष्टि की है।
लाइसेंसिंग डील साइन करने का मतलब है कि पब्लिशर्स को उनके कंटेंट के चलते गूगल को होने वाले फायदे का तय हिस्सा दिया जाएगा।
गूगल कई देशों में पब्लिशर्स के साथ ऐसी डील कर चुकी है।
रिपोर्ट
गूगल के लिए महत्वपूर्ण है भारतीय मार्केट
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सुंदर पिचाई ने कहा है कि कंपनी भारत में 'पब्लिशर्स के साथ लाइसेंसिंग डील्स से जुड़े संवाद' कर रही है।
पिचाई ने भारत को 'गूगल के लिए बेहद महत्वपूर्ण' बताया है और कहा है कि उन्हें भारत सरकार से सोशल मीडिया कंपनियों की ओर से दिखाए और शेयर किए जाने वाले कंटेंट को लेकर समर्थन मिलने की उम्मीद है।
पिचाई चाहते हैं कि सरकार मौजूदा नियमों और पाबंदियों पर दोबारा विचार करे।
कोशिश
भारत में भाषाई विविधता पर रहेगा फोकस
सुंदर पिचाई ने एक वर्चुअल मीटिंग में मीडिया से कहा कि भारत को लेकर गूगल का मकसद साफ है।
उन्होंने कहा, "गूगल को पता है कि भारत में समाचार कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और विविधताओं से भरे देश में अलग-अलग भाषाओं में लोगों तक पहुंचते हैं।"
न्यूज पब्लिशर्स के साथ डील्स को लेकर पिचाई ने कहा, "इन चीजों में वक्त लगता है और हम इस बारे में बातचीत कर रहे हैं।"
बयान
भारत सरकार की नीतियों पर जाहिर की राय
पिचाई से पूछा गया कि भारत सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयर या पोस्ट किए जा रहे कंटेंट से जुड़ी जिम्मेदारी लें, इसपर उनका क्या कहना है।
जवाब में उन्होंने कहा, "हम इसे ऐसे नजरिए से देखते हैं कि सरकार तय करना चाहती है कि भारत के नागरिक सुरक्षित रहें। मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है और हम इसे अपने इसका ध्यान रखते हुए और इसे सम्मान देते हुए ही काम करेंगे।"
क्या आप जानते हैं?
न्यूजबाइट्स प्लस
समाचार कंपनियों का कंटेंट सर्च इंजन की रैंकिंग में दिखता है इसलिए गूगल को खबरों पर खर्च नहीं करना पड़ता। गूगल न्यूज की शुरुआत बिना किसी रिपोर्टर के हुई और इसका एल्गोरिद्म नियंत्रित करता है कि कौन सी वेबसाइट की खबरें ज्यादा इंटरनेट यूजर्स पढ़ेंगे।
ऑस्ट्रेलिया
कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया से की थी शुरुआत
गूगल की मनमानी के चलते समाचार कंपनियों को होने वाले नुकसान को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया पिछले साल खास कानून लेकर आई है।
ऑस्ट्रेलिया में नया कानून लागू होने से पहले गूगल ने इसका विरोध किया था और ऑस्ट्रेलिया में अपनी सेवाएं ना देने तक की बात कही थी।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की सरकार इसके बावजूद नया कानून लेकर आई और दोनों कंपनियों को वहां की मीडिया कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करने और उन्हें भुगतान करने की बात माननी पड़ी।
भारत
नाराजगी जता रही थीं भारतीय समाचार कंपनियां
ऑनलाइन खबरें पढ़ने के लिए लाखों इंटरनेट यूजर्स सर्च इंजन गूगल का इस्तेमाल करते हैं।
जो खबरें खोजने, रिपोर्ट करने और पब्लिश करने के लिए समाचार कंपनियां मेहनत करती हैं और पैसे खर्च करती हैं, गूगल वह कंटेंट अपने चैनल्स पर दिखा देती है।
इस बात से भारतीय समाचार कंपनियां खुश नहीं हैं कि गूगल की वजह से उनकी कमाई पर असर पड़ रहा है।
यही वजह है कि डील्स के बाद गूगल इन कंपनियों को सीधे भुगतान करेगी।