अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए NSA स्तर की बैठक आज, अजित डोभाल करेंगे अध्यक्षता
क्या है खबर?
अफगानिस्तान के ताजा हालात पर भारत की बुलाई एक अहम बैठक आज होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की इस बैठक की अध्यक्षता अजित डोभाल करेंगे।
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में बदलती स्थितियों के बीच भारत ने क्षेत्रीय हितधारकों के साथ यह बैठक बुलाई है, जिसमें मौजूदा हालात और भविष्य के बिंदुओं पर चर्चा होगी।
भारत ने इसके लिए पाकिस्तान, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और रूस आदि देशों को आमंत्रण भेजा था।
जानकारी
बैठक में कौन से देश होंगे शामिल?
रूस, ईरान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान इस बैठक में शामिल होंगे। वहीं पाकिस्तान और चीन ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
पाकिस्तान का आरोप है कि भारत अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में 'स्पॉइलर' है और वह 'पीसमेकर' नहीं बन सकता।
वहीं चीन ने कहा कि शेड्यूल से जुड़ी परेशानियों के कारण वह बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएगा। हालांकि, उसने द्विपक्षीय चैनलों से भारत के साथ बातचीत जारी रखने की इच्छा जाहिर की है।
एजेंडा
बैठक में क्या चर्चा होगी?
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की इस बैठक में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद उभरती चुनौतियों, खासकर आतंकवाद, कट्टरवाद, सीमापार आवाजाही, ड्रग्स तस्करी और अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा छोड़े गए हथियारों के संभावित दुरुपयोग पर चर्चा की जाएगी।
साथ ही इन चुनौतियों से निपटने और अफगान लोगों की मदद के तरीकों पर भी बात होगी।
बताया जा रहा है कि बैठक में शामिल होने वाले अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
बैठक
अपने समकक्षों से मिले अजित डोभाल
बैठक से पहले भारत के NSA अजित डोभाल ने मंगलवार को अपने ताजिक और उज्बेक समकक्ष से मुलाकात की।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ताजिकिस्तान के NSA नसरुलो रहमत्जोन महमुदजोदा से डोभाल की बैठक के दौरान अफगानिस्तान में हालिया समय में बढ़े आंतकी खतरों पर चिंता व्यक्त की गई।
वहीं उज्बेक NSA के साथ बैठक में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि अफगानिस्तान का भविष्य वहां के लोगों द्वारा तय किया जाना चाहिए।
जानकारी
रूस और ईरान के NSA से मिलेंगे डोभाल
बताया जा रहा है कि बुधवार को अजित डोभाल रूस और ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने रूस ने भी अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक की मेजबानी की थी।
जानकारी
कैसे हैं अफगानिस्तान के मौजूदा हालात?
अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही संकट से जूझ रही थी और तालिबान के कब्जे के बाद हालात और बिगड़ गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और अमेरिका आदि देशों ने अफगानिस्तान को जाने वाली मदद रोक दी है।
दूसरी तरफ कई देश अफगान नागरिकों खासकर महिलाओं के अधिकारों के हनन पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
सुरक्षा के मुद्देे पर भी तालिबानी सरकार को इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठनों के हमलों से जूझना पड़ रहा है।