पैगंबर मोहम्मद पर नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मामला शांत होता हुआ नहीं दिख रहा है। एक के बाद एक मुस्लिम देश नुपुर की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए भारतीय राजदूतों को तलब कर रहे हैं, वहीं भारत सरकार विवाद को शांत करने की कोशिश में लगी हुई है। आखिर ये पूरा मामला क्या है और इसमें अब तक क्या-क्या हुआ, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
कैसे हुई विवाद की शुरूआत?
इस पूरे विवाद की शुरूआत 27 मई को एक टीवी डिबेट के दौरान नुपुर शर्मा के बयान से हुई। ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर हो रही इस बहस के दौरान नुपुर ने पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी। उनकी यह टिप्पणी जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और अरब देशों में यह सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा मुद्दा बन गया। विवाद के बाद मामले में कार्रवाई करते हुए भाजपा ने नुपुर को पार्टी से निलंबित कर दिया।
चार मुस्लिम देशों ने तलब किए भारत के राजदूत
विवाद के बाद सबसे पहले कतर और कुवैत ने भारतीय राजदूतों को तलब किया और नुपुर के बयान पर अपनी आपत्ति जताई। कतर ने तो अपने बयान में मांग कर डाली कि भारत सरकार इस इस्लामोफोबिक बयान के लिए माफी मांगे। इसके बाद ईरान ने भी भारतीय राजदूत को तलब किया और बयान पर आपत्ति जताई। अब आज ओमान ने भी भारतीय राजदूत को तलब करते हुए पैगंबर के खिलाफ नुपुर के बयान की निंदा की है।
सऊदी अरब ने भी जताई बयान पर आपत्ति
इन चार देशों के अलावा सऊदी अरब जैसे भारत के सहयोगी देश ने भी नुपुर के बयान पर आपत्ति जताई है। देश के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में नुपुर को निलंबित करने के भाजपा के कदम का स्वागत किया और सभी धर्मों का सम्मान करने की नसीहत दी। बहरीन ने भी नुपुर को निलंबित करने के भाजपा के कदम की प्रशंसा की है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों ने भारत सरकार की आलोचना की है।
इस्लामिक संगठनों ने भी बयान पर जताई आपत्ति
मुस्लिम देशों के अलावा कई इस्लामिक संगठनों ने भी बयान जारी कर नुपुर की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस्लाम की सबसे प्रभावशाली संस्थाओं में शामिल अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने कहा है कि नुपुर का बयान असली आतंकवाद है और पूरी दुनिया को घातक संकट और युद्धों में ढकेल सकता है। मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने बयान को हिंसा पैदा करने वाला बताया है। 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने भी बयान की निंदा की है।
भारत सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
भारत सरकार इस पूरे विवाद को शांत करने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट और टिप्पणी किसी भी तरह से सरकार के विचार नहीं दर्शाती हैं। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने भी ऐसा ही बयान जारी किया है और विवादित बयान को हाशिए पर पड़े तत्वों के विचार बताया है। भाजपा ने भी सभी धर्मों का सम्मान करने की बात कही है।
विवाद पर नुपुर शर्मा का क्या कहना है?
विवाद के बाद नुपुर शर्मा ने अपने शब्द वापस ले लिए हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि उनके सामने रोजाना टीवी डिबेट में उनके आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था और वह गुस्से में आकर खुद को रोक नहीं पाईं। उन्होंने कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं। उन पर कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है और मुंबई उन्हें समन भेज सकती है।