भारत-चीन तनाव: विवाद सुलझाने के लिए कल फिर होगी कोर कमांडर स्तर की तीसरी बैठक
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मई की शुरुआत में भारत और चीन के बीच शुरु हुआ सीमा विवाद गत 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद और बढ़ गया है। उसके बाद से ही दोनों देश बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली। इसी बीच दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की तीसरी बैठक मंगलवार सुबह 10:30 बजे चुशूल सेक्टर में होगी।
चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक
पूर्वी लद्दाख में 15-16 अप्रैल को रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें चीन के भी सैनिकों की जान जाने की खबरें हैं। यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों द्वारा लगाए टेंट को हटाने गए थे। उस दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थर, कंटीली रॉड और तारों से हमला कर दिया था। चट्टान टूटने से कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे।
भारतीय क्षेत्र के चुशूल सेक्टर में होगी वार्ता
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक भारतीय क्षेत्र के चुशूल सेक्टर में होगी। चुशूल भारत की तरफ बना बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग (BPM) प्वाइंट है। भारत की तरफ बैठक होने का यह मतलब है कि इस बार पहल भारत की तरफ से की गई और बैठक बुलाई है। इससे पहले हुई दो बैठकें चीन के मोल्डो वाले हिस्से में हुई थीं। इस बैठक का मुख्य मुद्दा LAC पर पहले की स्थिति को बनाए रखना होगा।
पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल करने की होगी चर्चा
रिपोर्ट के अनुसार कोर कमांडर स्तर की 22 जून को हुई बैठक में यह तय किया था कि गतिरोध खत्म होगा और धीरे-धीरे सैनिकों को पीछे हटाया जाएगा। इस पर कैसे आगे बढ़ना है, इस पर फिर बातचीत करने की सहमति बनी, लेकिन एक सप्ताह गुजरने के बाद भी LAC पर हालात जस के तस हैं। चीन सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। चीनी सेना पैंगोंग एरिया में फिंगर-4 से 8 के बीच निर्माण काम कर रही है।
दोनों देश हर सप्ताह बैठक करने पर हुए हैं राजी
बिगड़े हालातों को सुधारने के लिए दोनों देशों ने प्रत्येक सप्ताह वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन स्तर की बैठक करने का निर्णय किया है। इसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय के अलावा सैन्य कमांडर भी शामिल होंगे।
पहली बैठक में लिए गए निर्णयों पर भी नहीं हुआ अमल
इससे पहले गत 6 जून को भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन के बीच हुई बैठक में दोनो पक्ष LAC पर पहले की स्थिति बनाए रखने तथा अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुए थे, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। चीन ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया और अवैध कब्जे को लेकर 15 जून को भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष हो गया।
चीन ने फिंगर-4 से लेकर आठ तक बढ़ाई सेना की मौजूदगी
चीन ने पैंगोंग लेक के पास अपनी मौजूदगी को बढ़ा लिया है और फिंगर-4 से आठ तक भारी संख्या में सेना की तैनाती कर दी है और वायुसेना को भी सक्रिय रखा है। इसको लेकर भारत ने भी 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर सैनिकों को तैनाती के साथ माउंटेन फोर्स को भी तैनात कर दिया है।वायुसेना के मदद से पूरी LAC की निगरानी की जा रही है। नौसेना को भी तैयार रहने को कहा गया हैं।