दिल्ली: सेना की वर्दी में दिखी पुलिस, जांच कर एक्शन लेने की तैयारी में सेना
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। रविवार को मौजपुर में CAA के समर्थक और विरोधी आमने-सामने हो गए और जमकर पथराव हुआ। इसी बीच जाफराबाद से पुलिस का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मियों ने सेना की वर्दी पहन रखी है। इसे लेकर सेना ने नाराजगी जताई है और जांच कर एक्शन लेने की बात कही है।
वीडियो में सेना की वर्दी में दिख रहे हैं पुलिसकर्मी
रविवार को CAA को लेकर मौजपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने एहतियात के तौर पर जाफराबाद में भी सुरक्षा बढ़ा दी और फ्लैग मार्च किया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने सेना जैसी वर्दी पहनकर गश्त की। इससे लोगों में क्षेत्र में सेना तैनात किए जाने की खबर फैल गई। सोमवार को पुलिसकर्मियों की इस गश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो को जब ANI ने ट्वीट किया तो सेना ने इस पर गौर किया।
यहां देखें सेना की वर्दी में पुलिसकर्मियों का वीडियो
सेना ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया देकर कही एक्शन लेने की बात
ट्वीट के वायरल होने के बाद सेना ने अपने प्रवक्ता के अकाउंट से प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए भारतीय सेना की तैनाती नहीं की गई थी।' सेना के सूत्रों ने कहा कि सेना की वर्दी पहनने वाले पुलिस बल और निजी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सेना के अनुसार कोई भी निजी सुरक्षा एजेंसी या राज्य पुलिस बल सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वर्दी नहीं पहन सकते।
CAA को लेकर राजधानी में बढ़ रहा है विवाद
CAA को लेकर राजधानी दिल्ली में विवाद बढ़ता जा रहा है। सोमवार को मौजपुर में लगातार दूसरे दिन CAA के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा हुई। इस दौरान कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। भजनपुरा में एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी गई। हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई और शहादरा के DCP घायल हो गए।
कपिल मिश्रा ने दिया था भड़काऊ भाषण
CAA को लेकर रविवार को हुई हिंसा के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे दिल्ली पुलिस को तीन दिन का "अल्टीमेटम" दे रहे हैं, या तो वे जाफराबाद और चांद बाग की सड़कें खाली करवाएं नहीं तो उन्हें खुद सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा, "हम दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली में आग लगी रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जाने बाद हमें कोई नहीं रोक पाएगा।"