आज लद्दाख दौरे पर जाएंगे जनरल नरवणे, झड़प में घायल सैनिकों से कर सकते हैं मुलाकात
भारत और चीन में सीमा को लेकर चल रह रहे विवाद के बीच थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज से दो दिवसीय लद्दाख दौरे की शुरुआत करेंगे। वो मंगलवार दोपहर कमांडर स्तर की बैठक पूरी होने के बाद लेह स्थित 14 कॉर्प्स पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरे के दौरान जनरल नरवणे 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
सीमा के हालातों का जायजा लेंगे जनरल नरवणे
अपनी यात्रा के दौरान जनरल नरवणे चीनी सीमा मौजूदा हालात और कमांडरों की बैठक में हो रही बातचीत की भी जानकारी लेंगे। गौरतलब है कि चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए सोमवार को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी। LAC से चीन की तरफ मोल्डो इलाके में हुई यह बैठक 11 घंटे तक चली। मंगलवार को एक बार फिर बातचीत हो सकती है।
दौरे के दौरान श्रीनगर भी जाएंगे जनरल
लेह से वापसी के दौरान जनरल नरवणे श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प्स में भी जाएंगे। बता दें कि इन दिनों यहां पर आतंकरोधी अभियान तेज रफ्तार से चल रहे हैं। इसके बाद सेना प्रमुख वापस लौटेंगे।
वायुसेना प्रमुख भी कर चुके हैं लेह का दौरा
सेना प्रमुख से पहले वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी लेह का दौरा कर चुके हैं। बीते बुधवार को श्रीनगर से लेह पहुंचे। उनका यह दौरा पूर्व निर्धारित नहीं था। भदौरिया ने चीन से जारी तनाव के बीच ऐसे समय लेह का दौरा किया जब वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है और उसके कई विमानों और हेलिकॉप्टरों को अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया गया है। हालांकि वायुसेना ने उनके दौरे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी।
भारत-चीन बैठक में क्या हुआ?
सोमवार को दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच हुई मैराथन बैठक में भारत ने चीन से LAC से सैनिकों की वापसी के लिए समयसीमा मांगी है और फिंगर 4 सहित अन्य इलाकों में 4 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने को कहा है। बैठक में भारत से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन के मेजर जनरल लियु लिन शामिल हुए। गलवान घाटी की झड़प के बाद सैन्य अधिकारियों की यह पहली बड़ी बैठक थी।
गलवान घाटी बनी है विवाद का केंद्र
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से गलवान घाटी में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। चीन इस पर अपना दावा जताता है जबकि भारत इसका खंडन कर रहा है। विवाद को सुलझाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। 15 जून की रात को यह विवाद हिंसक झड़प में बदल गया, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
चीन के कमांडिंग ऑफिसर की हुई थी मौत
15 जून की रात हिंसक झड़प में भारत के साथ-साथ चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था। इस झड़प में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के मारे गए सैनिकों में एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था। यह चीन को हुए नुकसान की पहली पुष्टि है। हालांकि, उसने अभी तक झड़प में मारे गए और घायल हुए सैनिकों की संख्या की जानकारी नहीं दी है। अलग-अलग रिपोर्ट में उसके 10-40 सैनिकों के हताहत होने की बात कही जा रही है।