जनवरी मध्य से 80 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी कर रहा तेलंगाना
तेलंगाना में अगले महीने के मध्य से प्राथमिकता समूह में शामिल लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराक देनी शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य का कोरोना वायरस वार रूम वैक्सीनेशन के लिए अब सेंट्रलाइज्ड स्टेट कंट्रोल रूम में तब्दील हो चुका है। यहीं पर राज्य में वैक्सीनेशन के लिए सारी योजनाएं बनाई जा रही हैं। तेलंगाना में प्राथमिकता समूह में स्वास्थ्यकर्मियों समेत 80 लाख लोगों की पहचान की गई है।
8-10 दिनों में दे दी जाएगी पहली खुराक
NDTV से बात करते हुए राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि मकर सक्रांति और पोंगल के आते-आते राज्य में 80 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाएगा। 8-10 दिनों में इन्हें वैक्सीन की पहली और चार सप्ताह के अंतर के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस महीने के आखिर तक वैक्सीनेशन के लिए जरूरी सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी और अगले महीने से यह शुरू हो जाएगा।
तेलंगाना को पहले दौर में मिलेगी 1.6 करोड़ खुराकें
उम्मीद की जा रही है कि तेलंगाना को पहले दौर में वैक्सीन की 1.6 करोड़ खुराक मिलेगी, जो 80 लाख लोगों को संक्रमण से सुरक्षा देगी। हर व्यक्ति को दो खुराक दी जाएगी। पहले दौर के प्राथमिकता समूह में सरकारी और निजी अस्पतालों के तीन लाख डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और टेक्निशियन शामिल किए गए हैं। दूसरे समूह में एक लाख पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी और दूसरे सुरक्षाबलों के जवान समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी शामिल हैं।
तीसरे समूह में शामिल हैं ये लोग
तीसरे समूह में 50 साल से अधिक उम्र के लोग और चौथे समूह में 50 साल से कम उम्र के वे लोग शामिल होंगे, जो किन्हीं दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण इन्हें अपेक्षाकृत अधिक खतरा होता है।
जिलों तक वैक्सीन पहंचाने के लिए ऑर्डर की गई वैन
वैक्सीनेशन की इस विशाल प्रक्रिया के लिए राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। तेलंगाना में 10 ऐसे सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां पर कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ खुराकों को स्टोर किया जा सकेगा। इसके अलावा जिलों तक खुराक पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन वैन के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। राज्य में पहले से लगभग 1,000 ऐसे सेंटर बने हुए हैं, जहां पर वैक्सीन रखी जा सकती है।
वैक्सीनेशन का नेटवर्क पहले से ही मजबूत- राव
राव ने बताया कि 2017 में एक दूसरे वैक्सीनेशन अभियान में राज्य की एक चौथाई आबादी यानी लगभग एक करोड़ लोगों को वैक्सीन दी गई थी। तब यह काम दो-तीन हफ्तों में पूरा कर लिया गया था। राज्य में 10,000 ऐसे सरकारी स्वास्थ्य कर्मी हैं, जिन्हें वैक्सीन देने की ट्रेनिंग मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत में नियमित वैक्सीनेशन का नेटवर्क बहुत मजबूत है। कोरोना वैक्सीन के लिए इसमें और सुधार किया जा रहा है।
महीने के अंत तक वैक्सीन को हरी झंडी मिलने की उम्मीद
भारत में अभी तक किसी भी कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की हरी झंडी नहीं मिली है। भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और फाइजर ने इसके लिए आवेदन किया हुआ है। माना जा रहा है कि दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत तक किसी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के कुछ ही दिन बाद वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा। इसे देखते हुए सभी राज्य तैयारियां पूरी करने में जुटे हैं।