मोदी ने बताया था मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं का स्मारक, अब दिए रिकॉर्ड तोड़ पैसे
केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कानून (मनरेगा) के तहत Rs. 6,000 करोड़ की अतिरिक्त राशि आवंटित की है। अतिरिक्त राशि के आवंटन के बाद मनरेगा का मौजूदा वित्त वर्ष (2018-19) में कुल बजट Rs. 61,084 करोड़ हो गया है। यह किसी भी साल में मनरेगा को जारी सबसे अधिक राशि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं का जीता-जागता स्मारक बताते हुए कहा था कि वह गाजे-बाजे के साथ इसका ढोल पीटेंगे।
जारी किए अतिरिक्त 6,000 करोड़ रुपए
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, 'भारत सरकार ने मनरेगा के तहत Rs. 6,084 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन किया है। इसके साथ ही 2018-19 में इस योजना के तहत कुल आवंटन Rs. 61,084 करोड़ हो गया हैं, जो अब तक का सबसे अधिक आवंटन है।' मंत्रालय के अनुसार, 2014-15 में 26.85 प्रतिशत लाभकों को 15 दिन के अंदर पैसा मिलता था जो अब बढ़कर 91.82 प्रतिशत हो गया है।
1 जनवरी को ही खत्म हो गया था 99 प्रतिशत फंड
1 जनवरी को ही मनरेगा के तहत आवंटित राशि का 99 प्रतिशत हिस्सा खत्म हो गया था। इसके बाद लगभग 90 सांसदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, किसान नेताओं और पूर्व नौकरशाहों ने मोदी को पत्र लिखकर अतिरिक्त राशि की मांग की थी। सरकार ने पत्र का संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त राशि का आवंटन किया है। मंत्रालय के अनुसार, 2014-15 में जहां मनरेगा के तहत 29.44 लाख कार्य पूरे हुए, वहीं इस साल तक यह संख्या बढ़कर 61.9 लाख हो गई है।
मोदी ने जो कहा वो किया
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2014-15 में मनरेगा का बजट Rs. 37,588 करोड़ था। तब मनरेगा को बंद करने के आरोपों पर मोदी ने संसद में कहा था, "मेरी राजनीतिक सूझबूझ कहती है कि मनरेगा कभी बंद मत करो क्योंकि मनरेगा आपकी (कांग्रेस की) विफलताओं का जीता-जागता स्मारक है।" उन्होंने कहा, "आजादी के 60 साल बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिए भेजना पड़ा ये आपकी विफलता है और मैं गाजे-बाजे के साथ इस स्मारक का ढोल पीटता रहूंगा।"