आज पेश होगा अंतरिम बजट, जानिये कैसे आम बजट से अलग होता है यह बजट
मोदी सरकार आज अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेगी। यह आम बजट न होकर अंतरिम बजट होगा। अरुण जेटली इलाज के सिलसिले में अमेरिका में हैं इसलिए उनकी जगह वित्त मंत्रालय का कार्यभार पीयूष गोयल को सौंपा गया है। पीयूष गोयल ही आज अंतरिम बजट पेश करेंगे। कई लोगों के मन में अंतरिम बजट और आम बजट को लेकर कई सवाल रहते हैं। आज हम आपको अंतरिम बजट और आम बजट में अंतर बताने जा रहे हैं।
क्या होता है आम बजट?
भारत के संविधान की बात की जाए तो इसमें कहीं भी 'बजट' शब्द का जिक्र नहीं है। संविधान के आर्टिकल 112 में इसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा गया है, जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाने लगा है। आम बजट में सरकार की तरफ से संसद में वित्त वर्ष का लेखा-जोखा पेश किया जाता है। सरकार संसद को जानकारी देती है कि आने वाले वित्त वर्ष में वह किस काम के लिए कितना पैसा खर्च करेगी।
आम बजट के लिए होता है आर्थिक सर्वेक्षण
आम बजट में एक पूरे साल की अनुमानित आय और खर्चों का ब्यौरा होता है। साथ ही आम बजट के लिए आर्थिक सर्वेक्षण भी करवाया जाता है। इसमें सरकार बड़ी योजनाओं की घोषणाएं कर सकती हैं।
क्या होता है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट और आम बजट में बहुत अंतर है। आम बजट जहां पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता वहीं अंतरिम बजट सीमित अवधि या कुछ महीनों के लिए पेश किया जाता है। यह मुख्यतः चुनावी साल में ही पेश किया जाता है। इसमें नई सरकार बनने तक के ही राजस्व का लेखा जोखा तय होता है। इसे वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) भी बोला जाता है। इसमें आर्थिक सर्वेक्षण नहीं होता है।
बड़ा नीतिगत फैसला नहीं
आम बजट के विपरित अंतरिम बजट में ऐसा कोई फैसला नहीं लिया जाता है, जो नीतिगत हो और जिसे पूरा करने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में बदलाव करना पड़ा। इस बजट में प्रत्यक्ष कर में कोई बदलाव नहीं किया जाता, लेकिन सरकार एक्साइज, सर्विस या इंपोर्ट टैक्स में बदलाव कर सकती है। अंतरिम बजट के बाद जो नई सरकार आती है वह नए सिरे से बजट पेश करती है।