बेरोजगारी पर भाजपा-कांग्रेस की जुबानी जंग में जमीन पर उतरे 'हिटलर-मुसोलिनी'
बेरोजगारी पर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) की रिपोर्ट लीक होने के बाद इस पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंकड़ों पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तुलना जर्मन तानाशाह हिटलर से कर दी। जबाव में भाजपा ने भी राहुल की तुलना इटली के तानाशाह मुसोलिनी से कर दी। बजट सत्र में दोनों पार्टियों के बीच मुद्दे को लेकर टकराव के आसार नजर आ रहे हैं।
पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
NSSO की बेरोजगारी पर रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी के बाद देश में बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट में बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत बताई गई है। रिपोर्ट को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) ने दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। इसके विरोध में NSC चेयरपर्सन पीसी मोहनन समेत 2 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। 'बिजनेस स्टैंडर्ड' में यह रिपोर्ट छपने के बाद से ही इसपर हंगामे के आसार थे।
राहुल ने मोदी की हिटलर से की तुलना
राहुल ने मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'हमसे हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था। लेकिन 5 साल बाद नौकरियों पर लीक हुई रिपोर्ट एक राष्ट्रीय आपदा का खुलासा करती है। 45 साल में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। मोदी के जाने का समय आ गया है।' उन्होंने अपने ट्वीट में जर्मन शब्द 'Fuhrer' का इस्तेमाल किया है जिसका मतलब 'नेता' होता है। हिटलर के लिए इस शब्द का इस्तेमाल होता था।
राहुल ने कहा- मोदी के जाने का वक्त आ गया
भाजपा ने राहुल को बताया मुसोलिनी
राहुल पर पलटवार करते हुए भाजपा ने ट्वीट किया, 'यह साफ है कि उसने (राहुल ने) मुसोलिनी का नजरिया पाया है और मुद्दों की कोई समझ नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के असली आंकड़ें पिछले 15 महीने में नौकरियों में साफ बढ़ोतरी दिखाते हैं। केवल ऐसा व्यक्ति जिसने कभी नौकरी नहीं की और बेरोजगार है, इतना तंग कर सकता है।' मामले पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोई भी सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती।
भाजपा का जबाव- राहुल ने पाया है मुसोलिनी का नजरिया
बजट सत्र में घमासान का संकेत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार केवल रोजगार योजनाओं को सुरक्षित कर सकती है। हिटलर और मुसोलिनी तक पहुंची इस जुबानी जंग से साबित हो गया है कि चल रहे बजट सत्र में दोनों पार्टियों के बीच इन मुद्दों को लेकर जबरदस्त टकराव होने वाला है। लोकसभा चुनाव से पहले यह इस लोकसभा का अंतिम सत्र होगा। दोनों पार्टियां विरोधी को घेर कर चुनाव से पहले जनता में अपने लिए अच्छा संदेश देना चाहेंगी।