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आवारा कुत्तों के हमला करने पर उन्हें खिलाने वालों को ठहरा सकते हैं जिम्मेदार- सुप्रीम कोर्ट
आवारा कुत्तों के हमलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी।

आवारा कुत्तों के हमला करने पर उन्हें खिलाने वालों को ठहरा सकते हैं जिम्मेदार- सुप्रीम कोर्ट

Sep 10, 2022
03:42 pm

क्या है खबर?

भारत में आवारा कुत्तों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसको लेकर कई नगर निगमों ने उन्हें मारने के आदेश जारी कर रखे हैं। इन आदेशों को लेकर दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने आवारा कुत्तों की हमलों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों के हमला करने पर उन्हें नियमित रूप से खाना खिलाने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

पृष्ठभूमि

तीन साल में आए जानवरों के हमला करने के 1.5 करोड़ मामले

एक डाटा से पता चला है कि देश में 2019 के बाद से जानवरों के हमला करने के 1.5 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 27,52,218 मामले, तमिलनाडु में 20,70,921, महाराष्ट्र में 15,75,606 और पश्चिम बंगाल में 12,09,232 मामले सामने आए हैं। इसी तरह इस दौरान लक्षद्वीप में जानवरों के काटने का कोई भी मामला सामने नहीं आया और वह सबसे सुरक्षित राज्य रहा है।

तुलना

2019 में आए थे जानवरों के काटने के सबसे अधिक मामले

डाटा के अनुसार, साल 2019 में जानवरों के काटने के सबसे अधिक 72,77,523 मामले सामने आए थे। उसके बाद साल 2020 में यह संख्या घटकर 46,33,493 पर आ गई और 2021 में यह 17,01,133 पर आ गई। हालांकि, साल 2022 के पहले सात महीनों में इस तरह के 14.5 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इस साल तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 2,51,510 और महाराष्ट्र में 2,31,531 मामले आए हैं। यह बड़ी चिंता का कारण है।

जानकारी

भारत में हर साल रेबीज से होती है 100 से अधिक मौतें

बता दें कि भारत में कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज रोग से हर साल 100 से अधिक लोगों की मौत होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि रेबीज की वैक्सीन होने के बाद भी इन मौतों को नहीं रोका जा सका है।

आदेश

कई नगर निगमों में जारी किए आवारा कुत्तों को मारने के आदेश

देश में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमलों की समस्या को देखते हुए कई राज्यों के नगर निगमों ने उन्हें मारने के आदेश जारी कर रखे हैं। सबसे बुरी हालत केरल और मुंबई की है। कई पशु बचाओं संगठनों ने निगमों के आदेश के खिलाफ बॉम्बे और केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने रोक लगा दी। अब कुछ गैर सरकारी संगठनों और लोगों ने कोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में मामले में की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जो लोग नियमित रूप से आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, उन्हें उनके वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है। इसी तरह अगर आवारा कुत्ते लोगों पर हमला करते हैं तो उनके उपचार के खर्च की जिम्मेदारी भी खाना खिलाने वालों को दी जा सकती है। पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों के खतरे का समाधान खोजने की आवश्यकता है।

सुझाव

आवारा कुत्तों के मामले का खोजना होगा तर्कसंगत उपाय- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर लोग कुत्ता प्रेमी हैं। अधिकतर लोग कुत्तों को खाना भी खिलाते हैं, लेकिन उनके हमला करने पर वह पीछे हट जाते हैं और यह ठीक नहीं है। आवारा कुत्तों के मुद्दे को हल करने के लिए एक तर्कसंगत समाधान खोजा जाना चाहिए। कोर्ट ने इस दौरान दोनों पक्षों को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए सुझाव देने के निर्देश दिए और मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर के लिए निर्धारित कर दी।