कोरोना महामारी: बूस्टर डोज लेने की जरूरत, चार महीने और रहना होगा सतर्क- शीर्ष विशेषज्ञ
क्या है खबर?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन पर बनी शीर्ष टास्क फोर्स के प्रमुख ने लोगों से आगे आकर प्रिकॉशन डोज (तीसरी खुराक) लेने की अपील की है।
नेशनल इम्युनाइजेशन टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप (NTAGI) के प्रमुख एनके अरोड़ा ने त्योहारी सीजन से पहले लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील करते हुए कहा कि अगले कम से कम चार महीनों तक सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि चार महीने बाद लोग वापस से सामान्य जीवन की तरफ लौटने की स्थिति में होंगे।
बयान
मुफ्त होने के बाद बढ़ी है प्रिकॉशन डोज की मांग- अरोड़ा
न्यूज18 से बात करते हुए अरोड़ा ने कहा कि लोगों ने बूस्टर शूट के प्रति ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया है, लेकिन सरकार द्वारा इसे मुफ्त में उपलब्ध कराने के फैसले ने इसकी मांग बढ़ाई है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में उपलब्ध होने के बाद बूस्टर डोज की मांग बढ़ी है। पहले औसतन रोजाना दो लाख खुराकें लगाई जाती थीं, लेकिन अब रोजाना 25-40 लाख खुराकें लग रही हैं।
कोरोना वायरस
अरोड़ा बोले- नए वेरिएंट्स पर रखी जा रही नजर
जब अरोड़ा से पूछा गया कि लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि लोग समझ रहे हैं कि नए स्ट्रेन ज्यादा बीमार नहीं कर रहे हैं। नए वेरिएंट सामने न आने के कारण भी लोग बच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत लगातार नए वेरिएंट्स के प्रसार पर अलग-अलग तकनीकों से नजर रख रहा है। साथ ही इनके मुकाबले के लिए आधारभूत ढांचा और तकनीकों का विकास किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन अभियान
नैजल वैक्सीन को भी कर सकते हैं बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल
अरोड़ा ने कहा कि भारत बायोटेक की नैजल वैक्सीन और जेनोवा की mRNA वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि बुखार के टीके की तरह बूस्टर डोज लगातार लेते रहना होगा। आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में जो वैक्सीन्स इस्तेमाल की जा रही हैं, वो मजबूत प्रतिरक्षा देती है। बूस्टर डोज के असर को समझने के लिए और अध्ययन की जरूरत है।
वैक्सीन समाचार
इसी महीने मिली है नैजल वैक्सीन को मंजूरी
देश में इसी महीने भारत बायोटेक की रीकॉम्बिनेंट इंट्रानेजल यानी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन BBV154 को 18 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में आपातकालीन स्थिति में सीमित इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इसको महामारी से बचाव के लिए अहम हथियार माना जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इंट्रानेजल वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है। इंजेक्शन वैक्सीन से केवल शरीर के निचले हिस्से में स्थित फेफड़ों की रक्षा होती है।
कोरोना संक्रमण की स्थिति
देश में क्या है कोरोना की स्थिति?
देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की रफ्तार स्थिर बनी हुई है और रोजाना 5,000-7,000 के बीच मामले सामने आ रहे हैं।
बीते दिन की बात करें तो 5,554 लोगों को महामारी से संक्रमित पाया गया था। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,44,90,283 हो गई है। इनमें से 5,88,139 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 48,850 हो गई है।
जानकारी
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो देश में अब तक वैक्सीन की 2,14,77,55,021 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन 21,63,811 खुराकें लगाई गईं। देश में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों को वैक्सीन लगाई जा रही है।