कोरोना वायरस से लड़ाई में केरल से सीख ले सकते हैं अन्य राज्य, उठाए कई कदम
क्या है खबर?
भारत में अब तक कोरोना वायरस के 29 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से दो मरीज देश की राजधानी दिल्ली के रहने वाले हैं।
ये मामले सामने आने के बाद लोगों में एक चिंता और डर का माहौल पैदा हुआ है और केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें लगातार आश्वस्त कर रही हैं।
विभिन्न राज्यों की सरकारें इस मामले में केरल सरकार से सीख सकती हैं जहां वायरस से संक्रमण के पहले तीन मामले सामने आए थे।
पृष्ठभूमि
30 जनवरी को सामने आया था केरल में पहला मामला
चीन के वुहान शहर से वापस लौटी केरल की एक छात्रा में 30 जनवरी को कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था। ये भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला था।
इसके बाद केरल के दो और छात्रों में कोराना वायरस पाया गया।
ये तीनों मामले सामने आने के बाद केरल सरकार ने तत्परता हुई कई जरूरी कदम उठाए। इसका प्रभाव ये रहा कि ये तीनों छात्र ठीक हो चुके हैं और कोई नया मामला भी सामने नहीं आया है।
बचाव के लिए कदम
क्या-क्या कर रही है केरल सरकार?
ये तीनों मामले सामने आने के बाद केरल ने सबसे पहले एयरपोर्ट पर बाहर से आ रहे लोगों की जांच करना शुरू किया। उन्हें एक स्वास्थ्य कार्ड जाता जिसमें उन्हें अपनी पुरानी यात्राओं और स्वास्थ्य के बारे में बताना होता है।
इनमें से जो यात्री चीन, हांगकांग या कोरोना वायरस से प्रभावित अन्य इलाकों से आए हैं, उन्हें एक अलग कमरे में ले जाकर उनके शरीर का तापमान चेक किया जाता है।
जांच
लक्षण मिलने पर तुरंत ले जाया जाता है अस्पताल
जिन यात्रियों में कोरोना वायरस जैसे लक्षण, बुखार, कफ और गले में खराश आदि पाए जाते हैं, उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया जाता है।
इसमें तेजी लाने के लिए केरल के सभी पांच एयरपोर्ट को एंबुलेंस और जिला अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं से जोड़ा गया है।
संदिग्ध मरीजों के अस्पताल पहुंचने के बाद जिले का मेडिकल अधिकारी उसके परिवार से संपर्क साधकर उन्हें पूरा जानकारी देता है।
कोरोना वायरस का संक्रमण न मिलने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है।
जानकारी
सड़क से प्रवेश कर रहे लोगों की भी हो रही जांच
डॉक्टरों की टीम सड़क के जरिए केरल में प्रवेश कर रहे लोगों की जांच भी कर रही है। इंफ्रारेड थर्मामीटर के जरिए इन लोगों के शरीर का तापमान चेक किया जा रहा है और उन्हें वायरस से बचाव से संबंधित पर्चे दिए जा रहे हैं।
आदेश
पंचायत स्तरीय संस्थाओं को दिया गया आदेश
इसके अलावा पहला मामला सामने आते ही केरल सरकार की ओर से राज्य की सभी पंचायत स्तरीय संस्थाओं को संक्रमण रोकने और घर में एकांत में रहने के प्रोटोकॉल के बारे में आदेश जारी किया गया था।
इसमें सभी स्थानीय संस्थाओं को ऐसे लोगों की सूची बनाने को कहा गया जो वायरस से प्रभावित इलाकों से आ रहे हैं। इसके अलावा इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की भी सूची बनाई गई।
कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए।
नियम
संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए सख्त नियम
सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों और परामर्श केंद्रों को तय प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। लगभग 215 मानसिक स्वास्थ्य टीमों ने घर में एकांत में रखे गए 26,00 लोगों की चिंता और डर से लड़ने में मदद की है। उनके परिजनों और पड़ोसियों की भी काउंसलिंग की गई है।
शराब पीकर गाड़ी चला रहे लोगों के बारे में पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों के उपयोग पर भी पाबंदी लगाई गई है।
जागरूकता
लगातार जागरुकता अभियान चला रही केरल सरकार
इन सभी उपायों के अलावा केरल सरकार कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रही है। इसमें लोगों को हाथ और सांस संबंधी सफाई पर ध्यान देने और खांसते या छींकते समय किसी टिश्यू या कोहनी से नाक और मुंह को ढकने आदि आवश्यक चीजों के बारे में बताया जा रहा है।
लोगों को हाथ मिलाने और संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने से बचने की सलाह भी दी जा रही है।
अन्य कदम
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई, ब्लैड बैंकों में 'डबल चेक'
कोरोना वायरस से संबंधित कई तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया में फैल रही हैं और केरल सरकार ने इन अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं।
सभी जिला पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया पर वायरस से संबंधित फेक न्यूज फैला रहे लोगों पर संख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
इसके अलावा ब्लड बैंकों को खून लेने से पहले दानकर्ता के खून की दो बार जांच करने का आदेश भी दिया गया है।