
नागरिकता कानून: लखनऊ हिंसा के पीछे पुलिस ने बताया इस्लामिक संगठन PFI का हाथ, दो गिरफ्तार
क्या है खबर?
लखनऊ पुलिस ने दावा किया है कि बीते गुरुवार को नागरिकता कानून के खिलाफ शहर में भड़की हिंसा के पीछे इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ था।
इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके अलावा उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
गौरतलब है कि पूरे राज्य मेें नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में 16 लोगों की मौत हुई है।
लखनऊ हिंसा
PFI के दो कार्यकर्ता हिंसा के मास्टरमाइंड- पुलिस
सोमवार को लखनऊ पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उसने हिंसा फैलाने के आरोप में PFI के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन्हें हिंसा का मास्टरमाइंड करार दिया है।
इन पर आरोप है कि ये सोशल मीडिया, पोस्टर और पोस्टकार्ड के जरिए लोगों को लखनऊ में इकट्ठा होने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे।
पुलिस ने जानेमाने मानवाधिकार वकील मोहम्मद शोएब को इस मामले में सह-आरोपी बताया है।
बयान
क्या बोले लखनऊ पुलिस प्रमुख?
लखनऊ पुलिस प्रमुख कलानिधि नैथानी ने मीडिया से कहा, "हमने उनकी व्हाट्सऐप चैट्स देखी हैं। हमें पता चला कि ये लोगों को हिंसा के लिए भड़का रहे थे। हमें इनके पास से नागरिकता कानून और NRC विरोधी दस्तावेज मिले हैं। हमने इनके पास से कई झंडे, पर्चे, पेपर कटिंग और पोस्टकार्ड बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल ये लोग दूसरे जिलों और राज्यों के लोगों को हिंसक प्रदर्शन करने के लिए उकसाने के लिए कर रहे थे।"
PFI
असम सरकार ने भी हिंसा के पीछे बताया PFI का हाथ
साथ ही पुलिस ने दावा किया कि यह संगठन राज्य के 13 जिलों में सक्रिय है और लखनऊ समेत दूसरे शहरों में अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए यह नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों का सहारा ले रहा है।
गौरतलब है कि असम सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य में हुई हिंसा के पीछे PFI का हाथ है और उसके पास इसके सबूत भी हैं।
प्रतिक्रिया
PFI ने किया आरोपों का खंडन
वहीं PFI के दिल्ली स्थित मुख्यालय ने बयान जारी कर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा कि उसके खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोप झूठे हैं।
PFI ने माना है कि है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी उसके कार्यकर्ता हैं, लेकिन संगठन ने कहा कि इन दोनों को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली स्थित मुख्यालय वाले PFI का केरल में काफी प्रभाव है।