अब तक रजस्वला उम्र की 51 महिलाएं कर चुकी हैं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश- केरल सरकार
केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान बताया कि अब तक 10-50 साल की उम्र की 51 महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मंदिर में सबसे पहले प्रवेश करने वाली दो महिलाओं कनक दुर्गा और बिंदु अम्मिनी की सुरक्षा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही है। दोनों महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के बाद से ही जानलेवा हमले की धमकियां मिल रही हैं।
महिलाओं को सुरक्षा देने का आदेश
याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से कनक और बिंदु को सुरक्षा प्रदान करने को कहा है। कोर्ट ने दोनों की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया जिसमें उन्होंने मांग की थी कि महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर में शुद्धीकरण रस्म नहीं होनी चाहिए। केरल सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसके मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी हटाने के फैसले के बाद 51 महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं।
कनक और बिंदु को मिल रहीं धमकियां
बिंदु और कनक ने 2 जनवरी को मंदिर में प्रवेश कर सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया था। वह मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिलाएं हैं। कट्टरपंथियों से मिल रही धमकियों के कारण दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में 24 घंटे सुरक्षा देने की याचिका दायर की थी। घर लौटने पर कनक पर उनकी सास ने ही हमला कर दिया था। सिर में गंभीर चोटें लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
क्या है सबरीमाला विवाद?
केरल के सबरीमाला मंदिर में सदियों से रजस्वला उम्र (10 से 50 साल) की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। 28 सितंबर 2018 को मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये पाबंदी हटा दी थी। हजारों साल पुरानी परंपरा को खत्म किए जाने से भक्तों में नाराजगी है। भाजपा और कांग्रस दोनों ही कोर्ट के इस आदेश का विरोध कर रही हैं। मामले को लेकर राज्य में हिंसा की कई वारदातें हो चुकी हैं।