शशि थरूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, किताब में 'नायर' महिलाओं का अपमान करने का आरोप
क्या है खबर?
तिरुवनंतपुरम की एक कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
उनके खिलाफ ये वारंट 30 साल पहले लिखी गई उनकी एक किताब से संबंधित एक सुनवाई में पेश न होने के बाद जारी किया गया है।
थरूर पर आरोप है कि 'द ग्रेट इंडियन नॉवेल' नामक उनकी इस किताब में 'नायर' महिलाओं की मानहानि की गई है।
शनिवार को मामले में पहली सुनवाई थी।
जानकारी
वारंट के खिलाफ अपील दायर करेंगे थरूर
गिरफ्तारी वारंट पर शशि थरूर के कार्यालय ने कहा है कि वो वारंट के खिलाफ अपील दायर करेंगे। कार्यालय ने बताया कि कोर्ट के समन में केवल पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन पेशी की कोई तारीख नहीं बताई गई थी।
बयान
शशि थरूर के कार्यालय ने कहा, कोर्ट ने कही थी नए समन जारी करने की बात
NDTV से बात करते हुए शशि थरूर के कार्यालय ने कहा, "हमारे वकीलों ने पहले ही कोर्ट को बता दिया था कि समन में तारीख नहीं लिखी हुई थी। हमारी बात को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा था कि वो तारीख के साथ नए समन जारी करेंगे। हालांकि कुछ भ्रम लगता है। आज सुनवाई का पहला दिन था लेकिन हमें कोई समन नहीं मिला था। हम इसके खिलाफ तिरुवनंतपुरम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) के पास जाएंगे।"
पृष्ठभूमि
1989 में प्रकाशित हुआ था 'द ग्रेट इंडियन नॉवेल'
बता दें कि शशि थरूर के 'द ग्रेट इंडियन नॉवेल' पहली बार 1989 में प्रकाशित हुआ था।
इस व्यंग्यात्मक उपन्यास में 'महाभारत' की कहानी को आजादी के आंदोलन और आजादी के बाद के पहले 30 साल के संदर्भ में कहा गया है।
उन पर इस किताब में हिंदू महिलाओं (नायर महिलाओं) का अपमान करने और उनकी मानहानि करने का आरोप है और इसी संबंध में कोर्ट की सुनवाई होनी थी।
लेखन
कई किताबें लिख चुके हैं थरूर, मिलेगा साहित्य अकादमी पुरस्कार
तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक राजनेता, पूर्व राजनयिक और अच्छे वक्ता होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी हैं।
वह अब तक 10 से अधिक किताब लिख चुके हैं।
कुछ दिन पहले ही उन्हें उनकी किताब 'एन एरा ऑफ डार्कनेस- ब्रिटिश एंपायर इन इंडिया' के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है।
इस किताब में ब्रिटिश शासन के दौरान हुए अत्याचारों के बारे में बताया गया है।