
'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत भूकंप प्रभावित म्यांमार की कैसे मदद कर रहा है भारत?
क्या है खबर?
म्यांमार में आए भूकंप में 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। पहले से ही गृह युद्ध से जूझ रहे म्यांमार के लिए इस आपदा की स्थिति में बचाव कार्य चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है।
यही वजह है कि सैन्य सरकार के प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की। इससे पहले ही भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के जरिए म्यांमार को मदद पहुंचाई है।
आइए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के बारे में जानते हैं।
जहाज
4 जहाज से भेजी जा रही राहत सामग्री
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि राहत सामग्री लेकर भारतीय नौसेना के 2 जहाज INS सतपुड़ा और INS सावित्री बीते दिन म्यांमार के लिए रवाना हो चुके हैं।
पहला जहाज 10 टन राहत सामग्री लेकर शनिवार सुबह, जबकि दूसरा दोपहर में रवाना हुआ। ये 31 मार्च तक यांगून पहुंच जाएंगे।
जायसवाल ने बताया कि अंडमान एवं निकोबार कमान के अंतर्गत श्री विजयपुरम में तैनात 2 अतिरिक्त जहाज आने वाले दिनों में म्यांमार भेजे जाएंगे।
वायुसेना
15 टन सामग्री लेकर उड़ा पहला विमान
भारतीय वायु सेना भी सक्रिय रूप से बचाव अभियान में लगी हुई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत कई विमान तैनात किए गए हैं।
पहला विमान 15 टन राहत सामग्री लेकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस से उड़ा और यांगून पहुंच चुका है।
इसमें टेंट, कंबल, आवश्यक दवाइयां, तिरपाल, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट आदि शामिल हैं।
म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने यांगून के मुख्यमंत्री को ये सामग्री सौंपी है।
फील्ड
118 विशेषज्ञों के साथ फील्ड अस्पताल की तैनाती
भारत ने 2 विमानों के जरिए 118 सदस्यीय सैन्य फील्ड अस्पताल इकाई की तैनाती भी की है।
लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में भारतीय सेना के शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की यह विशिष्ट चिकित्सा टीम उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगी।
ये टीम बीते दिन राजधानी नेपीता पहुंच चुकी है और वहां से इन्हें म्यांमार सरकार के सहयोग से मांडले क्षेत्र में ले जाया जाएगा।
ये टीम मांडले में 60 बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू करेगी।
NDRF
भारत ने 80 सदस्यीय NDRF टीम भी भेजी
भारत ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) का 80 सदस्यीय खोज एवं बचाव दल भी म्यांमार भेजा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि ये दल आपदा प्रभावित म्यांमार में राहत और बचाव कार्य में मदद करेगा। दल में खोजी कुत्ते भी शामिल हैं।
ये दल कांक्रीट कटर और ड्रिल मशीन जैसे खोज और बचाव उपकरणों से लैस है, जो राजधानी नेपीता में तैनात रहेगा।
भूकंप
भूकंप से कितना हुआ नुकसान?
शुक्रवार दोपहर 12:50 बजे म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसका केंद्र मांडले शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर 9.47 किलोमीटर जमीन के नीचे था।
इसके 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था। इन झटकों से बैंकॉक में इमारतें और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे गिर गए। इसका असर थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किया गया।
म्यांमार और थाईलैंड में यह बीते 200 साल का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।