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क्या है नागपुर में स्थित दीक्षाभूमि, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने दी अंबेडकर को श्रद्धांजलि?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षाभूमि पहुंचर दी डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि

क्या है नागपुर में स्थित दीक्षाभूमि, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने दी अंबेडकर को श्रद्धांजलि?

Mar 30, 2025
01:16 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर के दौरे पर पहुंचे हैं। वे यहां विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने दीक्षाभूमि का दौरा किया। वहां उन्होंने महात्मा बुद्ध की पूजा की और भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। आइए जानते हैं दीक्षाभूमि क्या है और अंबेडकर का यहां से क्या संबंध है।

दीक्षाभूमि

क्या है दीक्षाभूमि?

दीक्षाभूमि मूल बौद्ध वास्तुकला के बाद निर्मित एक केंद्रीय स्मारक है, जो मध्य प्रदेश के सांची में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित प्रसिद्ध स्तूप की प्रतिकृति है। यह एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा स्तूप है। इसका उद्घाटन 18 दिसंबर, 2001 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने किया था। नागपुर को हाल में ग्रीन सिटी या ऑरेंज सिटी के रूप में पहचान मिली है, लेकिन इसकी वैश्विक पहचान दीक्षाभूमि से है। यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी आते रहते हैं।

संबंध

दीक्षाभूमि से क्या है अंबेडकर का संबंध?

दरअसल, 14 अक्टूबर, 1956 (दशहरा) को डॉ अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ दीक्षाभूमि में ही बौद्ध धर्म अपनाया था। ऐसा कहा जाता है कि पूरे महाराष्ट्र और बाहर से 6 लाख दलितों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और बौद्ध धर्म को अपनाया। इस दिन को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंबेडकरवादी हर साल बड़ी संख्या में दशहरा पर दीक्षाभूमि में अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करके इस दिन को मनाते हैं।

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जानकारी

राजनेताओं ने बनाई दीक्षाभूमि जाने की परंपरा

पिछले कई सालों से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने दीक्षाभूमि जाकर डॉ आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने की परंपरा बनाई है। यह स्थान दलितों के लिए विशेष महत्व रखता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी दीक्षाभूमि जाने का कार्यक्रम बनाया।

दौरा

कई मायनों में खास है प्रधानमंत्री का दौरा

प्रधानमंत्री मोदी का नागपुर दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है। वह यहां विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करने के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से भी मिलेंगे। यह उनकी साल 2014 के बाद तीसरी मुलाकात होगी। ये पहला मौका होगा, जब देश का कोई प्रधानमंत्री RSS के मुख्यालय में जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी कभी RSS मुख्यालय नहीं गए।