कारों में पैसेंजर सीट के लिए भी अनिवार्य हुआ एयरबैग, कैसे करता है यात्रियों की सुरक्षा?
कारों में सुरक्षा के लिए एयरबैग समेत कई सेफ्टी फीचर्स दिए जाते हैं ताकि दुर्घटना के समय वे यात्रियों को सुरक्षित रख सकें। इसी को देखते हुए हाल ही में भारत सरकार ने पैसेंजर कारों के लिए डुअल एयरबैग्स होना अनिवार्य कर दिया है। अब भारत में बनने और बिकने वाली कारों में ड्राइवर के साथ-साथ उसकी पास वाली सीट पर एयरबैग लगा होना अनिवार्य होगा। आइये, जाने सरकार ने क्यों लिया यह फैसला और कैसे काम करते हैं एयरबैग्स।
कब से लागू होगा यह नियम?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है। नियम के अनुसार भारत में आने वाली सभी कारें अब दो एयरबैग्स के साथ आएंगी। यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। 1 अप्रैल से भारतीय बाजार में बनने वाली सभी कारों में दो एयरबैग्स लगे होंगे। वहीं, मौजूदा कारों को इसके लिए 31 अगस्त, 2021 तक का समय दिया गया है। पहले इनकी समय सीमा जून थी। अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है।
किसने दिया सुझाव?
परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा पर समिति ने इस नियम का सुझाव दिया था। इसके बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है। इससे ऑटो कंपनियों की लागत में बढ़ोतरी होगी। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सरकार ने सभी कारों में दो एयरबैग्स अनिवार्य करने के नियम को लेकर लोगों से प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे थे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ड्राइवर सीट के लिए एयरबैग अनिवार्य होने के नियम का 1 जुलाई, 2019 को लागू किया गया था। अब यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ड्राइवर के साथ-साथ उसके पास वाली यात्री सीट के लिए यह नियम लागू किया गया है। सरकार ने यह फैसला सड़क दुर्घटनाओं में यात्रियों को सुरक्षित करने के लिए लिया है, जिससे ड्राइवर के साथ-साथ उसके पास वाले यात्री भी एयरबैग के कारण सुरक्षित रह पाएं।
कैसे काम करते हैं एयरबैग्स?
यदि आप सोच रहे हैं कि एयरबैग यात्रियों को किस प्रकार सुरक्षित रखता है तो बता दें कि दुर्घटना होने पर टकराव होते ही एयरबैग फूलकर यात्रियों के सामने आ जाते हैं। कार के किसी चीज से टकराने पर एक्सिलेरोमीटर सर्किट एक्टिवेट होकर इलेक्ट्रिकल करंट भेजता है। इससे आगे लगा हुआ सेंसर एयरबैग को सिग्नल देता है। इसके एक सेकेंड के अंदर ही लगभग 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से एयरबैग फूलकर यात्रियों के सामने आ जाता है।
किसका बना होता है एयरबैग?
एयरबैग कॉटन यानी रूई का बना होता है। इस पर सिलिकॉन की कोटिंग की जाती है। जब टकराव के समय यह फूलता है तो इसमें नाइट्रोजन गैस भर जाती है। बता दें कि सीट बेल्ट और एयरबैग को SRS एयरबैग मॉड्यूल नाम की यूनिट से एक साथ जोड़ा जाता है। इसलिए एयरबैग्स का ठीक से काम करने के लिए सीट बेल्ट पहनना जरूरी है। इस कारण ध्यान रखें कि कार में बैठते ही सीट बेल्ट जरूर पहन लें।