सरकार ने लॉन्च की 'मेरा राशन' मोबाइल ऐप, जानें इसके बारे में जरुरी बातें
भारत सरकार की ओर से नई राशन ऐप 'मेरा राशन' लॉन्च कर दी गई है, जिसकी मदद से 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' सिस्टम को देश में लागू किया जाएगा। नई मोबाइल ऐप उन राशन कार्ड होल्डर्स की मदद करेगी, जो रहने के लिए किसी नई जगह पर गए हैं या जा रहे हैं। फिलहाल नई ऐप केवल एंड्रॉयड यूजर्स के लिए गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और ऐक्टिव राशन कार्ड होल्डर्स इसका इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं।
वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम
देश में वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) सिस्टम से जुड़े नेशनल फूड सिक्योरिटी ऐक्ट (NFSA) के साथ करीब 69 करोड़ नागरिकों को राशन मिलता है। NFSA के अंतर्गत, सरकार एक रुपये से तीन रुपये प्रतिकिलो तक कीमत में 'हाई सब्सिडी के साथ अनाज' का फायदा पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के साथ 81 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचाती है। 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी मदद से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवाएं भी दी जा रही हैं।
क्या है मेरा राशन ऐप?
नई मेरा राशन ऐप राशन कार्ड होल्डर्स को ONORC से जुड़ी सेवाएं देने के लिए लॉन्च की गई है। इस ऐप के साथ लाभ पाने वाले नजदीकी फेयर प्राइस शॉप के बारे में पता कर सकते हैं। इस ऐप को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की ओर से तैयार किया गया है और दो भाषाओं (हिंदी-अंग्रेजी) में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार की योजना बाद में इस ऐप को 14 भारतीय भाषाओं में लाने की है।
कैसे इस्तेमाल करें मेरा राशन ऐप?
मेरा राशन ऐप इस्तेमाल करने के लिए ऐक्टिव राशन कार्ड होना जरूरी है। आपको राशन कार्ड की मदद से ऐप में रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन विकल्प पर टैप करने के बाद आपको राशन कार्ड नंबर एंटर कर सबमिट करने का विकल्प मिलेगा। राशन कार्ड या आधार नंबर की मदद से आप चेक कर सकते हैं कि आपको योजना का लाभ मिलना है या नहीं। इसके अलावा राशन खरीद और वितरण से जुड़ी ढेर सारी जानकारी ऐप में दी गई है।
ऐप में मिलते हैं कौन-कौन से फीचर्स?
रजिस्ट्रेशन पूरा होते ही ऐप पर दिखने लगता है कि यूजर को कौन-कौन सा अनाज मिलना है। पिछले छह महीने में किए गए लेनदेन और खरीदे गए अनाज की जानकारी भी ऐप में मिल जाती है। ऐप में साफ दिख जाएगा कि यूजर को योजना के लाभ के तौर पर कितना अनाज मिलना है और उसने कब कितना अनाज खरीदा है। इस तरह यूजर्स को बार-बार FPS डीलर से इस बारे में नहीं पूछना होगा और पारदर्शिता आएगी।