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#NewsBytesExplainer: कैसे महिला पायलट की सूझबूझ से दिल्ली में आपस में टकराने से बचे 2 विमान?
दिल्ली हवाई अड्डे पर टला बड़ा हादसा

#NewsBytesExplainer: कैसे महिला पायलट की सूझबूझ से दिल्ली में आपस में टकराने से बचे 2 विमान?

Aug 23, 2023
07:45 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विस्तारा एयरलाइंस के 2 विमानों के रनवे पर पास आ जाने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने जांच के निर्देश दे दिए हैं। इन दोनों विमानों में करीब 300 लोग सवार थे और ये रनवे पर एक-दूसरे से सिर्फ 1.8 किलोमीटर दूर रह गए थे। आइए समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और कैसे एक महिला पायलट की सूझबूझ के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया।

मामला 

कैसे एक-दूसरे के पास आए 2 विमान? 

दिल्ली हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) ने अहमदाबाद से दिल्ली आने वाली विस्तारा फ्लाइट VTI926 की लैंडिंग के बाद उसे एक्टिव रनवे को पार कर पार्किंग बे की तरफ जाने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इसी दौरान दिल्ली से बागडोगरा जा रही फ्लाइट VTI725 को उसी रनवे से उड़ान भरने की अनुमति मिल चुकी थी। अहमदबाद-दिल्ली फ्लाइट की पायलट सोनू गिल ने यह देखकर तुरंत ATC को जानकारी दी, जिसके बाद तुरंत उड़ान को रद्द कर दिया गया।

बयान 

DGCA ने मामले पर क्या कहा? 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, फ्लाइट VTI926 रनवे 29एल पर उतरी थी और ATC ने उसे पार्किंग बे के रास्ते में रनवे 29आर को पार करने के लिए कहा था। हालांकि, ड्यूटी पर मौजूद ATC अधिकारी कुछ पल के लिए भूल गया कि वह फ्लाइट VTI725 को भी रनवे 29आर से उड़ान भरने के निर्देश दे चुका है। DGCA ने कहा कि VTI926 की पायलट से मिली सूचना के आधार पर ATC अधिकारी को अपनी गलती का अहसास हुआ।

उड़ान 

उड़ान रद्द होने के बाद क्या हुआ? 

फ्लाइट VTI725 के रद्द होने के बाद उसे तुरंत एक्टिव रनवे छोड़कर वापस पार्किंग बे में बुला लिया गया। इस दौरान पायलट ने यात्रियों के बीच पैदा हुए संशय को दूर करने के लिए उन्हें स्थिति से अवगत करवाया। इसके बाद विमान में दोबारा ईंधन भरा गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उड़ान भरने के दूसरे प्रयास के लिए उसमें पर्याप्त ईंधन मौजूद रहे और किसी आपातकालीन स्थिति का सामना करने पर वह वापस दिल्ली लौट सके।

नियम 

क्या कहते हैं नियम?

नियमों के मुताबिक, आमतौर पर एक विमान को तब तक टेक-ऑफ क्लीयरेंस यानी उड़ान भरने की इजाजत नहीं मिलती है जब तक उसके पास के रनवे पर दूसरे विमान की लैंडिंग पूरी नहीं हुई हो। इसके विपरीत अगर पहले विमान को टेक-ऑफ की अनुमति मिल जाए और दूसरे विमान ने लैंडिंग को टालकर कुछ समय हवा में चक्कर लगाने का फैसला किया तो दोनों विमानों के फ्लाइट पाथ एक-दूसरे के आड़े आ सकते हैं, जिससे हादसा हो सकता है।

नियम 

विशेषज्ञों का क्या कहना है? 

विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि कोई विमान उड़ान भरने या उतरने की प्रक्रिया में होता है तो किसी निकट के रनवे पर अन्य विमान या वाहन को आवाजाही की अनुमति नहीं होती है। वरिष्ठ पायलट और सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के संस्थापक कैप्टन अमित सिंह ने PTI को बताया कि निकट दूरी वाले रनवे पर संभावित टकराव की स्थिति से बचने के लिए कड़ी निगरानी और दिशा-निर्देशों के सख्त अनुपालन की आवश्यकता होती है।