पुलवामा हमलाः 18 और अलगाववादी नेताओं से वापस ली गई सुरक्षा, कइयों की सुरक्षा में बदलाव

पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई थी। अब इस लिस्ट में कई और नाम जुड़ गए हैं। सरकार ने अब 18 और अलगाववादी नेताओं को दी गई सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। इन नेताओं से सुरक्षा वापस लिए जाने के अलावा राज्य के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है। इस कदम के बाद राज्य के लगभग सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है।
कई नेताओं की सुरक्षा में बदलाव
The government of Jammu Kashmir has downgraded withdrawn the security of 18 Hurriyat leaders in the state.
— ANI (@ANI) February 20, 2019
इन नेताओं से छीनी गई सुरक्षा
इन नेताओं में सैयद अली शाह गिलानी, आगा सैयद मोस्वी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयर अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसादिक भट जैसे नाम शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनकी सुरक्षा में 100 से ज्यादा गाड़ियां और लगभग 1,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे। अब ये गाड़ियां और जवान रूटीन ड्यूटी के लिए फ्री होंगे।
पहले इन नेताओं की सुरक्षा ली गई थी वापस
सरकार ने इनसे पहले ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी बट की सुरक्षा वापस ली गई थी। इन नेताओं की सुरक्षा में 600 जवान तैनात थे। सरकार अलगाववादियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर साल में करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करती थी। सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद हुर्रियत ने बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी।
शाह फैसल की सुरक्षा में भी बदलाव
गृह मंत्रालय ने इन नेताओं के अलावा राजनीति से जुड़े दूसरे व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की भी समीक्षा की। इसमें IAS से इस्तीफा देकर राजनीति में उतरने वाले शाह फैसल भी शामिल हैं। फैसल की सुरक्षा मेें बदलाव किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस फैसले को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। बता दें, पुलवामा हमले के बाद श्रीनगर दौरे पर गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा की बात कही थी।
पुलवामा हमले के बाद उठाए गए ये कदम
पुलवामा में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमले के बाद सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी गई है। भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिया गया 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (MFN) का दर्जा भी वापस ले लिया था। इसके अलावा पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश जारी है।