पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार का एक और बड़ा कदम, हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई

पाकिस्तान को दिए गए 'मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN)' का दर्जा रद्द करने के बाद मोदी सरकार ने देशहित में एक और बड़ा फैसला लिया है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारुक समेत हुर्रियत के 5 नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। इस फैसले के बाद भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों के साथ उनके मददगारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
न्यूज़ एजेसी ANI ने ट्वीट कर दी जानकारी
#JammuAndKashmir administration withdraws security of all separatist leaders, including that of Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi, Bilal Lone Abdul Ghani Bhat.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
सरकार ने इन नेताओं की सुरक्षा वापस ली
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ संदिग्ध तौर पर संपर्क रखने वाले कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा की समीक्षा की। जिसके बाद ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी बट की सुरक्षा वापस ली गई। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इन पांच नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा।
सभी अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेगी सरकार
रविवार शाम से ही अलगाववादियों को मिली सभी सुरक्षा वापस ले ली जाएंगी। इसके बाद इन पांचों या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी। अगर उन्हें सरकार द्वारा कोई अन्य सुविधाएं मिल रही हैं तो वो भी तत्काल हटा ली जाएंगी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही दिए थे संकेत
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही संकेत दिए थे कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) से संपर्क रखने वालों को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के सुझाव पर ऐसे व्यक्तियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा की गई, जिनपर पाक खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंधों का शक है। जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह सचिव ने अलगाववादियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है।
CRPF के काफिले पर हुआ था आतंकी हमला
बृहस्पतिवार, 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 41 जवान शहीद हो गए थे। जानकारी के मुताबिक ये हमला स्थानीय आतंकवादी आदिल अहमद डार द्वारा किया गया था। आतंकी आदिल ने कार के ज़रिए CRPF के काफिले पर हमला किया था। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान से संचालित होता है।