लखनऊ में लगाए गए CAA प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने के आरोपियों की फोटो वाले होर्डिंग्स
लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता कानून का विरोध करने वाले 53 प्रदर्शनकारियों की फोटो वाले होर्डिंग शहर में लगाए हैं। शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाए इन होर्डिंग में मौलाना सैफ अब्बास, दीपक कबीर, रिटायर्ड IPS अधिकारी एसआर दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जफर आदि की फोटो लगाई गई हैं। इन पर 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई हिंसा भड़काने का आरोप है। होर्डिंग पर इनकी फोटो के साथ-साथ इनका नाम और पता भी लिखा गया है।
शहर भर में लगाए जाएंगे 100 होर्डिंग्स- जिलाधिकारी
मीडिया से बात करते हुए लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, "प्रदर्शन के दौरान हिंसक गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों की फोटो लगाकर होर्डिंग लगाए गए हैं। शहर में लगभग 100 ऐसे होर्डिंग लगाए जाएंंगे। साथ ही इन लोगों को नोटिस भेजकर नुकसान की भरपाई करने को कहा गया है। अगर ये भरपाई नहीं करेंगे तो इनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा।" जिन लोगों की फोटो इन होर्डिंग पर लगी है वो सभी जमानत पर बाहर हैं।
16 लोगों को भेजे गए रिकवरी नोटिस
लखनऊ प्रशासन ने हिंसा के दौरान 1.55 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था। अभी तक ठाकुरगंज इलाके से 10 और कैसरबाग इलाके से छह लोगों को 69 लाख रुपये की रिकवरी के नोटिस भेजे जा चुके हैं। जिन लोगोें को नोटिस मिले हैं उनमें मौलाना सैफ अब्बास और मौलाना कल्बे सादिक के बेटे का नाम शामिल हैं। प्रशासन की तरफ से यह कार्रवाई तब हो रही है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'बदला लेने' की बात कही थी।
प्रदर्शनकारियों ने कही अदालत जाने की बात
इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो संपत्ति जब्त करने की सरकार की किसी भी कोशिश को अदालत में चुनौती देंगे। गौरतलब है कि कई लोगों को जमानत देते हुए अदालत ने पाया था कि पुलिस अपने दावों को साबित करने में असफल रही थी।
दबाव बनाने की नई कोशिश- दीपक कबीर
इन होर्डिंग्स पर थियेटरकर्मी दीपक कबीर की भी फोटो लगी है। उन्होंने कहा, "हमें गिरफ्तार किया गया, पिटाई की गई, जेल में डाला गया और फिर जमानत दी गई। हम पर दबाव बनाने की यह नई कोशिश है। मुझे जेल में रिकवरी नोटिस मिला था। मैंने तब पत्र भेजकर पूछा था कि मैं जेल में रहते हुए अपनी बात कैसे रख सकता हूं? इसका मुझे कोई जवाब नहीं मिला। अब उन्होंने मुझे एक और नोटिस भेज दिया।"
ऐसी सरकार को अच्छा कैसे कहा जा सकता है- दीपक कबीर
कबीर ने कहा, "आपको पता मालूम है। हमें नोटिस मिल चुका है। यह क्यों किया जा रहा है? यह डर पैदा करने के लिए हो रहा है? और अगर ऐसा हो रहा है तो किसी भी सरकार को अच्छी सरकार कैसे कहा जा सकता है?"
उत्तर प्रदेश में CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में पूरे देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी नागरिकता कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। लखनऊ समेत कुछ जगहों पर प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी हुई थी, जिसमें 21 लोगों की मौत हुई। कई मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगाया है। हिंसा थमने के बाद पुलिस ने नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजे थे, जिस पर भी काफी विवाद हुआ था।