दुष्कर्म के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को मिली राहत, इलाहबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत
लॉ की एक छात्रा से दुष्कर्म के मामले में शाहजहांपुर जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को इलाहबाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनकी जमानत मंजूर कर ली है। चिन्मयानंद की जमानत पर हाईकोर्ट ने करीब दो माह पहले सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले साल पीडि़ता ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक वीडियो जारी किया था।
चिन्मयानंद पर लगाए गए थे गंभीर आरोप
चिन्मयानंद बच्चों के लिए शाहजहांपुर में एक कॉलेज संचालित करते थे। पीडि़त छात्रा की ओर से जारी किए गए वीडियो में उसने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने अन्य लड़कियों के साथ भी मारपीट की थी। उस वीडियो के बाद मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। नवंबर में SIT ने अदालत को बताया कि उसके पास 72 वर्षीय नेता और 23 वर्षीय छात्र दोनों के खिलाफ आरोप साबित करने वाले सबूत हैं।
पीडि़ता के कपड़े उताकर की मालिश की मांग
SIT की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के दिग्गज नेता रहे चिन्मयानंद ने यौन संबध बनाने का विरोध करने पर पीडि़ता के कपड़े फाड़ दिए थे।चिन्मयानंद के सहयोगी पीडि़ता को उसके आश्रम मे ले जाते थे, जहां वह पीडि़ता से मसाज करने की मांग करता था। महिनों तक चिन्मयानंद की बर्बरता सहने के बाद पीडि़ता ने उसके खिलाफ सुबूत जुटाने की ठान ली। इसके उसने अपने चश्मे में खूफिया कैमरा लगवाया और उसके जरिए आरोपी के लिए खिलाफ सुबूत एकत्रित किए।
पीडि़ता को "दिव्य धाम" नामक जगह पर लाया जाता था
गत अक्टूबर में जमानत की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच दल ने अदालत को बताया था कि पीड़िता को आए दिन दिव्य धाम पर लाया जाता था। आश्रम के एक सुरक्षाकर्मी ने भी इस तथ्य की पुष्टि की थी। दिव्य धाम एक गैर-शैक्षणिक संस्था थी, जहां चिन्मयानंद ठहरते था और वहीं वारदात को अंजाम दिया जाता था। DGC अनुज सिंह ने भी कहा था कि मौके पर पीड़ित के आरोप की पुष्टि के लिए पर्याप्त साक्षय मिले हैं।
दुष्कर्म के लिए और आपराधिक धमकी की धाराओं में दर्ज किया गया था मामला
आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ धारा 376सी के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें किसी महिला को शारीरिक संबंध बनाने के लिए उत्प्रेरित करना आता है। इसके अलावा धारा 354डी (पीछा करना), धारा 342 (गलत प्रतिबंध), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) भी जोड़ी गई थी।
दुष्कर्म पीडि़ता को भी किया गया था गिरफ्तार
पीडि़ता की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के साथ SIT ने जबरन वसूली के आरोपों की भी जांच की थी। इसके लिए पीडि़ता को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके पिता ने कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि उसकी बेटी को जबरन फंसाया जा रहा है। उसकी बेटी का चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर पांच करोड़ रुपये मांगले वाले तीन आरोपियों से कोई संबंध नहीं है। हालांकि 11 दिसंबर को पीड़िता को जमानत दे दी गई थी।
चिन्मयानंद से फिरौती मांगने के आरोपियों की भी आज होगी पेशी
दुष्कर्म के आरोपी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले के आरोपियों की भी सोमवार को शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी होनी है। CJM कोर्ट में चल रहे इस मामले में दुष्कर्म पीडि़ता सहित तिलहर था क्षेत्र के बंथरा गांव निवासी संजय सिंह, विक्रम सिंह तथा गाजियाबाद निवासी सचिन सेंगर उर्फ सोनू पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है।