गोरखपुर BRD कॉलेज में 63 बच्चों की मौत का मामला: जांच रिपोर्ट में कफील खान आरोपमुक्त
गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में अगस्त, 2017 में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में निलंबित चल रहे डॉक्टर कफील खान आरोपमुक्त हो गए हैं। उन पर घटना के दिन अपना कर्तव्य नहीं निभाने, लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप थे। गुरुवार को BRD मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट की कॉपी कफील को सौंपी। इस मामले में कफील को सस्पेंड किया गया था और उन्हें जेल भी भेजा गया था।
कफील पर लगे आरोपों में सच्चाई नहीं- रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग के नेतृत्व में बनी कमेटी ने कफील खान पर लगे आरोपों की जांच की थी। जांच में पता चला कि कफील ने घटना के समय बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उन पर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। गौरतलब है कि कफील को इस मामले में नौ महीने तक जेल में रहना पड़ा था। फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं।
निजी प्रैक्टिस के आरोपों से भी बरी हुए कफील
कफील खान पर एक आरोप ये भी था कि वो सरकारी डॉक्टर होते हुए निजी तौर पर प्रैक्टिस करते थे। सरकारी डॉक्टरों को इसकी अनुमति नहीं होती। रिपोर्ट में कहा गया है कि कफील ने अगस्त, 2016 के बाद निजी तौर पर प्रैक्टिस नहीं की थी। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने के आरोपों पर कहा गया है कि कफील ने अपनी निजी हैसियत से उस दर्दनाक रात में सात सिलेंडर इस्तेमाल करवाए थे।
पांच महीने पहले दाखिल हो चुकी थी जांच रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त, 2017 में हुई इस घटना की रिपोर्ट इस साल अप्रैल में जांच अधिकारी को सौंप दी थी। इसमें कहा गया था कि कफील ने घटना के वक्त कोई लापरवाही नहीं की और उन्होंने स्थिति को संभालने के लिए पूरे प्रयास किए थे। कफील अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी को लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दे चुके थे। पांच महीने बाद यह रिपोर्ट सामने आने को लेकर कफील ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
आरोपमुक्त होने के बाद कफील बोले- धन्यवाद
आरोपमुक्त होने के बाद कफील ने एक वीडियो शेयर कर कहा कि योगी सरकार ने मान लिया है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया गया। उन्होंंने साथ देने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया।
मृत बच्चों के परिजनों को मिले न्याय- कफील
क्या है मामला?
10 और 11 अगस्त, 2017 को गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण 63 बच्चों की मौत हो गई थी। कफील इस अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर के तौर पर तैनात थे। योगी आदित्यनाथ के गृह जिले में हुई इस घटना पर विवाद बढ़ने के बाद योगी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने अधिकारियों को जानकारी नहीं दी और इस घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए।
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