दिल्ली में 90 प्रतिशत में कोविड एंटीबॉडीज, क्या हैं इसके मायने और अन्य जगह क्या स्थिति?
दिल्ली में हुए छठवें सीरोलॉजिकल सर्वे के नतीजे आ गए हैं और इसमें शहर के 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गई हैं। ये अभी तक देश के किसी भी राज्य की आबादी में पाई गईं सबसे अधिक सीरो पॉजिटिविटी है और इसने फिर से हर्ड इम्युनिटी की चर्चाओं को तेज कर दिया है। चलिए फिर आपको विस्तार से बताते हैं कि दिल्ली के सीरो सर्वे के क्या मायने हैं और अन्य राज्यों में क्या स्थिति है।
सबसे पहले जानें क्या और कैसे होता है सीरो सर्वे
किसी आबादी में संक्रमण किस हद तक फैल गया है, यह पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वे किए जाते हैं। इसमें लोगों के खून में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज की मौजूदगी की जांच की जाती है। एंटीबॉडीज एक प्रकार की प्रोटीन होती हैं जो हमला करने वाले वायरस से लड़कर उसे खत्म कर करती हैं। किसी व्यक्ति के खून में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पाए जाने का मतलब है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है।
दिल्ली के सीरो सर्वे में क्या सामने आया?
दिल्ली का छठवां सीरो सर्वे 24 सितंबर को शुरू हुआ और इसमें शहर के सभी 280 वार्डों से 28,000 लोगों के सैंपल लिए गए। नतीजों में शहर के हर जिले में 85 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गई हैं। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि इन सभी को कोविड हो चुका है क्योंकि इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है। वैक्सीन लगने पर भी शरीर में एंटीबॉडीज बन जाती हैं।
क्या दिल्ली में आ गई है हर्ड इम्युनिटी?
हर्ड इम्युनिटी का मतलब है किसी जगह के इतने लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होना कि वहां वायरस का प्रसार होना रुक जाए। चूंकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए किसी जगह की कितनी आबादी में एंटीबॉडीज होना जरूरी है, ऐसे में दिल्ली के बारे में ये ठोस तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वह हर्ड इम्युनिटी तक पहुंच गई है।
क्या कहते हैं दिल्ली के दैनिक आंकड़े?
हालांकि दिल्ली से आ रहे कोरोना से संबंधित आंकड़े इसी ओर इशारा करते हैं कि दिल्ली हर्ड इम्युनिटी नहीं तो इसके बेहद पास जरूर पहुंच गई है। अगस्त से ही यहां दैनिक मामले 100 से कम हैं और बीते कुछ हफ्ते से तो मामले 50 से भी नीचे बने हुए हैं। शहर की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी 0.10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। इस बीच कई दिन ऐसे रहे हैं जब किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई।
अन्य राज्यों की क्या स्थिति?
अगस्त में किए गए सीरो सर्वे में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 86.64 प्रतिशत लोगों के खून में कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गई थीं। हालांकि यहां अभी भी 500 के आसपास नए मामले सामने आ रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट भी ऊपर-नीचे हो रही है। इसी तरह केरल में 18 साल से अधिक उम्र की राज्य की 80 प्रतिशत आबादी में कोरोना की एंटीबॉडी पाई गई हैं। तमिलनाडु में ये आंकड़ा 70 प्रतिशत और हरियाणा में 76.3 प्रतिशत है।
देश की क्या स्थिति?
देश में भी जून-जुलाई में राष्ट्रीय स्तर पर भी सीरो सर्वे हो चुका है। 21 राज्यों के 70 जिले में हुए इस सर्वे में छह साल से अधिक उम्र के 67.6 प्रतिशत यानि दो-तिहाई आबादी में कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गई थीं।