अग्निपथ योजना: दिल्ली हाई कोर्ट बोला- लंबा नहीं खींच सकते मामला, जवाब दाखिल करे केंद्र
सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। इसके लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया गया है। सरकार ने भी इस पर विस्तृत जवाब देने की बात कही है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस एस प्रसाद ने 19 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई करने की बात कही है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में ट्रांसफर की थी याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि भले ही नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन आपको समझना चाहिए कि इस मामले की सुनवाई होनी है। आपको जवाब दाखिल करना चाहिए था। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लंबे समय तक नहीं खींचा जा सकता।
केंद्र ने क्या कहा?
केंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामले ट्रांसफर करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक 78 मामले दिल्ली हाई कोर्ट में आने बाकी हैं। एक बार सभी मामले ट्रांसफर होने के बाद विस्तृत जवाब दाखिल किया जाएगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट ने कोर्ट को जानकारी दी कि जवाब तैयार कर लिया गया है, लेकिन अभी तक इसे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को नहीं दिखाया गया है।
कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?
केंद्र के तर्क पर कोर्ट ने कहा, "कई तरह के मामले यहां लिस्ट हुए हैं। ऐसे मामले हैं, जहां भर्ती पूरी हो चुकी है या भर्ती आधे रास्ते में है। ये अलग-अलग तरह के मामले हैं। आप जवाब दायर करें। हम इस मामले को सुनेंगे।"
क्यों हो रहा अग्निपथ योजना का विरोध?
योजना में भर्ती युवा स्थायी नहीं होंगे और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी, हालांकि उन्हें चार साल बाद 10-11 लाख की एकमुश्त राशि दी जाएगी। युवाओं में इसी को लेकर सबसे अधिक आक्रोश है। हालांकि, विरोध के बाद सरकार ने योजना में कई बड़े बदलाव किए हैं, लेकिन विरोध नहीं थम रहा है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित देश के 20 राज्यों में बड़े स्तर पर अग्निपथ योजना का विरोध किया जा रहा है।