
गुजरात: मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित 10 को सुनाई तीन महीने जेल की सजा
क्या है खबर?
गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है।
असम में महिला सिपाही से मारपीट के मामले में जमानत मिलने के बाद अब मेहसाणा के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साल 2017 में बिना इजाजत एक रैली (आजाद मार्च) निकालने के मामले में विधायक मेवाणी सहित 10 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें तीन महीने जेल की सजा सुनाई है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने उन पर 1,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।
प्रकरण
दलितों को कोड़े मारने की घटना को लेकर निकाला था मार्च
बता दें जुलाई 2016 में उना तहसील में कुछ दलितों को कोड़े मारने की घटना सामने आई थी। इसको लेकर काफी विरोध हुआ था।
इस घटना को लेकर दलितों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस नहीं लेने के विरोध में मेवाणी ने 12 जुलाई, 2017 को अपने सहयोगियों के साथ मेहसाणा से बनासकांठा के धनेरा तक आजादी मार्च का आह्वान किया था।
प्रशासन के इसकी अनुमति नहीं देने पर भी उन्होंने यह मार्च निकाला था।
FIR
पुलिस ने बिना अनुमति मार्च निकालने को लेकर दर्ज की थी FIR
इस मार्च में मेवाणी के साथ कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार, रेशम पटेल और सुबोध कुमार भी शामिल थे। इस मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बड़ा हंगामा किया था।
ऐसे में पुलिस ने इस मामले में बिना अनुमति मार्च निकालने को लेकर मेवाणी सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया था।
हालांकि, पिछले साल कोर्ट में आरोप तय करने के दौरान कन्हैया कुमार के मौजूद नहीं होने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ अलग से सुनवाई करने का निर्णय किया था।
सजा
कोर्ट ने मेवाणी सहित 10 को माना दोषी
इस मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार ने गुरुवार को विधायक मेवाणी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की पदाधिकारी रेशमा पटेल तथा मेवाणी के राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कुछ सदस्यों सहित नौ अन्य को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 के तहत गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का दोषी ठहराया है।
कोर्ट ने सभी को तीन-तीन महीने की जेल की सजा सुनाते हुए उन पर 1,000-1,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी
एक आरोपी की हो चुकी है मौत
पुलिस ने इस मामले में कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन इनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक अन्य पर अभी सुनवाई जारी है। ऐसे में कोर्ट ने शेष 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया है।
गिरफ्तारी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि 20 अप्रैल को असम पुलिस ने वड़गाम में दबिश देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट से संबंधित एक मामले में मेवाणी को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 25 अप्रैल को असम के कोकराझार की एक कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
जमानत मिलने के तुरंत बाद बारपेटा पुलिस ने महिला सिपाही से मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप में मेवाणी को फिर से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद पुलिस उन्हें बारपेटा ले गई थी।
जमानत
मंगलवार को ही गुजरात लौटे थे मेवाणी
महिला सिपाही से मारपीट और छेड़छाड़ के मामले में मेवाणी को 29 अप्रैल को ही जमानत मिली थी, लेकिन जमानत की कार्रवाई पूरी करने में उन्हें दो दिन का समय लग गया।
इसके बाद वह गत मंगलवार को ही वड़गाम पहुंचे थे। गुजरात पहुंचने के बाद मेवाणी ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उसे निकम्मा करार दिया था।
अब महज दो दिन बाद ही उन्हें आजादी मार्च के मामले में जेल की सजा सुनाई गई है।